CAIT का दावा भाजपा को मिलेगा स्पष्ट बहुमत - 300 के करीब मिलेगी सीटें

नयी दिल्ली -वर्तमान चुनाव के छठे मतदान के बाद अब लगभग यह निश्चित हो गया है की आगामी 23 मई को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को भारी बहुमत मिलना तय है और मोदी के नेतृत्व में देश में अगली सरकार बनेगी !कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के व्यापारियों और उन्होंने अपने ग्राहकों एवं अन्य लोगों से चुनाव में लोगों के ट्रेंड और विचारों के आधार पर हुए वोटिंग पैटर्न की समीक्षा करने के बाद यह फीडबैक दिया है जिसके आधार पर संभावित है की भाजपा 300 सीटों के करीब ले जायेगी वहीँ एनडीए के घटक दल भी 45 से 50 के बीच में सीट ले जाएंगे और 23 मई के बाद देश में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकार बनेगी !


इस बार देश भर के व्यापारियों ने कैट की अपील पर खुले मन से न केवल भाजपा एवं सहयोगी दलों को वोट दिया है बल्कि उनके समर्थन में एक बड़ा अभियान भी चलाया है ख़ास तौर पर व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों और व्यापार से सम्बंधित अन्य लोगों को श्री मोदी के नाम पर वोट देने के लिए प्रेरित किया है ! इन सबमे महत्वपूर्ण बात यह भी है की व्यापारियों ने इस क्रम में अपनी दुकान पर आने वाले ग्राहकों से भी बातचीत करते हुए श्री मोदी को वोट देने का आग्रह किया ! देश में लगभग 7 करोड़ व्यापारी हैं जो लगभग 30 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं और इस बार व्यापारियों एवं उनके कर्मचारियों ने एक मजबूत वोट बैंक के रूप में देश भर में मतदान किया है !



इस फीडबैक के आधार पर हुए आंकलन में भाजपा को यूपी में 50 से 60 के बीच, महाराष्ट्र में 22 से 25 पश्चिम बंगाल में 15 से 25 , आसाम में 10 , मध्य प्रदेश में 23 , राजस्थान में 22 , गुजरात में 23 , पंजाब में 4 , हरियाणा में 8 , दिल्ली में 7 , बिहार में 15 , उत्तर पूर्व में 6 , छत्तीसगढ़ में 7 , ओडिशा में 14 , झारखण्ड में 10 , तमिलनाडु में 4 , कर्नाटकः में 20 , जम्मू कश्मीर में 3 , हिमाचल प्रदेश में 3 , केरल में 6 , गोवा में 2 , उत्तराखंड में 3 , आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं !



कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की देश भर में व्यापारियों और अन्य लोगों से बातचीत करने पर यह सामने आया की राहुल गाँधी का शुरू से नकारात्मक प्रचार लोगों को अच्छा नहीं लगा ! चौकीदार चोर है से शुरू होकर गाँधी एवं अन्य विपक्षी नेताओं ने जिस तरह से श्री मोदी को गालियां दी और उन पर व्यक्तिगत प्रहार किया वो कांग्रेस एवं विपक्षी दलों के लिए ही भारी पड़ गया और लोगों को पसंद नहीं आया ! विपक्षी दल गत पांच वर्षों में सरकार को उसके काम काज को लेकर कटघरे में खड़ा करने में विफल रहे ! महंगाई जैसे संवेदनशील मुद्दे को विपक्ष भुना ही नहीं पाया ! व्यक्तिगत आलोचना के अलावा कोई राष्ट्रीय मुद्दा विपक्षी दलों के पास नहीं था ! गाँधी द्वारा केवल किसानों को रियायतें देने की घोषणा का अन्य वर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है ! जो करदाता वर्ग है वो श्री गाँधी की इस घोषणा से नाराज़ रहा ! उनका कहना था की कर हम दें और गाँधी उसको मुफ्त में किसी अन्य वर्ग को बाँट दें , वो स्वीकार नहीं है ! वहीँ विपक्षी एकता में बिखराव भी एक बड़ा कारण रहा जिसका पूरा लाभ भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मिला है ! आम लोगों में एक धारणा पक्की थी की वर्तमान में श्री मोदी का कोई विकल्प नहीं है और हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए विवाद यदि भविष्य में और होते हैं तो मोदी के अलावा कोई दूसरा नेता उसका जवाब नहीं दे पायेगा और उसका भी लाभ भाजपा एवं सहयोगी दलों को मिला है !


 


 


 


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