ओंगोल नस्ल की गाय को संरक्षित करने का आह्वान
विजयवाड़ा - उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने घरेलू ओंगोल गाय की नस्ल की उपेक्षा पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह नस्ल पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रही है और हमें इसे बचाने की जरूरत है।
उपराष्ट्रपति ने विजयवाड़ा स्थिति स्वर्ण भारत न्यास में आयोजित एक कार्यक्रम में ओंगोल नस्ल की गाय पर एक विवरणिका भी जारी की। यह विवरणिका 1200 पेजों की है और इसमें 1885 से 2016 तक पशु इतिहास दिया गया है। पुस्तक में ओंगोल गाय पर किये जाने वाले अनुसंधान को भी शामिल किया गया है। उन्होंने इस विवरणिका के लिए कृषि वैज्ञानिक मुल्लापोडी नरेन्द्र नाथ और पशु विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक अडुसुमिल्ली मधुसूदन राव की प्रशंसा की।
उपराष्ट्रपति ने वर्तमान राजनीति के गिरते स्तर, मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अगर हालात में सुधार न हुआ तो यह स्थिति लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह होगी। उन्होंने स्वर्ण भारत न्यास के परिसर में आयुष अस्पताल, रेनबो अस्पताल और शंकर नेत्रालय द्वारा सम्मिलित रूप से आयोजित एक चिकित्सा शिविर का भी उद्घाटन किया।
उपराष्ट्रपति एसएससी परीक्षाओं में बेहतर रेंक पाने वाली साईश्री नामक दिव्यांग लड़की की उपलब्धियों का समाचार सुनकर भावुक हो गए। उन्होंने लड़की और उसके माता-पिता को स्वर्ण भारत न्यास में आमंत्रित करके 50,000 रुपये का चेक भेंट किया। इसमें से 25,000 रुपये उपराष्ट्रपति ने अपने वेतन से और 25,000 रुपये मुप्पावरापू फाउंडेशन की तरफ से उनके पुत्र श्री हर्षवर्धन ने दान किये। उल्लेखनीय है कि यह फाउंडेशन उपराष्ट्रपति के परिवार वाले चलाते हैं। उन्होंने लड़की के माता-पिता को उनकी बेटी की पढ़ाई के लिए हर संभव सहयोग जारी रखने का आश्वासन दिया।
टिप्पणियाँ