विश्व भर के 65 से अधिक प्रतिनिधियों ने 17वीं लोकसभा चुनाव का अवलोकन किया

नयी दिल्ली - पूरे विश्व के 20 देशों- ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, बोस्निया और हर्ज़ेगोविना, फिजी, जॉर्जिया, केन्या, कोरिया गणराज्य, किर्गिस्तान, मलेशिया, मैक्सिको, म्यांमार, रोमानिया, रूस, श्रीलंका, सुरीनाम, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान और जिम्बाब्वे तथा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एडं इलेक्टोरल असिस्टेंस (आईडीईए) के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के प्रमुख और प्रतिनिधि 17वीं लोकसभा के लिए चल रहे आम चुनावों का अवलोकन करने के लिए पहुंचे। चुनाव आगंतुकों के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत निर्वाचन चुनाव आयोग द्वारा 65 से अधिक ऐसे प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।


मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए गणतंत्र के प्रख्यापन से एक दिन पहले भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना करने की भारतीय संविधान के जनकों की दूरदर्शिता और विज़न की सराहना की। अरोड़ा ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 को उद्धृत करते हुए दोहराया कि भारत का निर्वाचन आयोग देश


में स्वतंत्र, निष्पक्ष और मजबूत चुनाव सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत का चुनाव आयोग कभी भी संशयवादियों और आलोचकों से भयभीत नहीं हुआ है और यह हमेशा हमारे दूरदर्शी जनकों द्वारा भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों और आदर्शों के अनुसार कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री अरोड़ा ने जोर देकर कहा कि "आयोग का उद्देश्य और प्रयोजन हमेशा भविष्य के लिए आवश्यक सुधार के साथ अतीत के अनुभवों से सीखते रहने का है"।


 अरोड़ा ने चुनाव कवरेज के हाल के चरणों का उदाहरण देते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया को और अधिक मजबूत, नैतिक, समावेशी, सुलभ और सहभागी बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने घोषणा की कि राज्यों, दस्तावेज़ मुद्दों और सामना की गई चुनौतियों से सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों का अध्ययन करने;  इन चुनावों से प्राप्त सबक को मजबूत करने के लिए प्रक्रियात्मक उपायों में और बेहतरी लाने तथा महत्वपूर्ण अंतरालों की पहचान करने के लिए समितियों का गठन किया जाएगा। अरोड़ा ने हाल ही में की गई आईटी पहलों और विशेष रूप से ईसीआई के सी-विजिल ऐप्लिकेशन की प्रभावशीलता पर भी प्रकाश डाला, जिसने एमसीसी के उल्लंघन के मामलों की रिपोर्टिंग में नागरिकों को पूरी तरह से सशक्त बनाया है और समस्त चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावों को सुचारू रूप से संचालित करने की राह में आई विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में भारत निर्वाचन आयोग की पूरी टीम की भूमिका की सराहना करते हुए, अरोड़ा ने एस्प्रिट डे कॉर्प्स के एक संकेत के रूप में मुख्यालय में विभिन्न प्रभागों के ईसीआई टीम के नेताओं का परिचय कराया।


चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने स्मरण दिलाया कि भारत 1950 से एक लंबी यात्रा तय कर चुका है, जब विश्व को विघटित भारत द्वारा लोकतंत्र को संभाल पाने में सक्षम होने पर संशय था। उन्होंने बताया कि "यह भारतीय संविधान के जनकों के लिए एक श्रद्धांजलि है कि मतदान करने का सर्वभौमिक अधिकार पहले दिन से ही प्रदान कर दिया गया था । हमें इस बात से खुशी मिलती है कि 1952 के पहले चुनाव से जब मात्र 170 मिलियन मतदाता थे जो  2 लाख मतदान केंद्रों में विस्तारित थे, तब से लेकर भारतीय चुनावों की प्रतिभागिता अब 910 मिलियन से अधिक मतदाताओं तक हो गयी है, जिनके लिए भारत निर्वाचन आयोग तंत्र 10 लाख से अधिक मतदान केन्द्रों का संचालन करता है।" श्री लवासा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाई गई प्रौद्योगिकी के अनुसरण एवं अनुकूलन ने बड़े पैमाने पर इस चुनावी प्रक्रिया को प्रबंधित करने में मदद की है, जिससे यह दुनिया में सबसे बड़े प्रबंधन प्रक्रिया बन गई है।


 सुशील चंद्रा ने चुनाव आगंतुकों के कार्यक्रम के प्रतिभागियों के दिये गये अपने संबोधन में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम के राज्य विधानसभाओं के चुनावों के साथ-साथ 17वीं लोकसभा के लिए देश के 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में आम चुनावों के लिए निर्धारित व्यापक तैयारियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि "चुनावों में धन शक्ति का दुरुपयोग दुनिया भर में स्थापित और उभरते लोकतंत्रों दोनों के सामने व्यापक रूप से प्रचलित  सबसे बड़ी चुनौती है।" इसी के अनुरूप भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव व्यय निगरानी तंत्र के प्रभावी कार्यान्वयन की व्यापक व्यवस्था की है। उन्होंने आगंतुक प्रतिनिधियों को सूचित किया कि विशाल चुनावी प्रक्रिया पर पैनी नजर रखने के लिए सूक्ष्म पर्यवेक्षकों के रूप में भी सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती चुनावी प्रक्रिया की गरिमा और पवित्रता सुनिश्चित करता है।


चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने विदेशी प्रतिनिधियों को भारत के चुनाव आयोग की भूमिका और जिम्मेदारियों से अवगत कराने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावों की योजना बनाने और उन्हें प्रबंधित करने की राह में आने वाली विभिन्न चुनौतियों को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी। राजनीतिक पार्टी पंजीकरण; चुनाव आयोग का अग्रिम प्रशिक्षण और अनुसंधान विंग- इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (आईआईआईडीईएम); निर्वाचक नामावली और आईटी पहल की तैयारी; इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनें और वीवीपीएटी; मीडिया और सोशल मीडिया के साथ संवाद; चुनाव कानून और संबंधित मामले के बारे में प्रस्तुतिकरण दी गयी।


इस अवसर पर आयोग द्वारा भारत निर्वाचन आयोग की त्रैमासिक पत्रिका "माई वोट मैटर्स" के दूसरे अंक का भी विमोचन किया गया। पत्रिका वर्तमान में जारी चुनावों के लिए विभिन्न राज्यों में प्रारंभिक पहल की एक व्यापक झलक प्रस्तुत करती है। इस पत्रिका का प्रथम अंक मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने भारत के माननीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी 2019 को भेंट की थी।


उप-चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि ये यात्राएँ चुनाव प्रबंधन निकायों के बीच अनुभव साझा करने और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान का एक अच्छा अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने मतदाता शिक्षा और जागरूकता के लिए अपने प्रमुख कार्यक्रम एसवीईईपी के तहत चुनावी योजना, सुरक्षा प्रबंधन और आयोग द्वारा की गई पहलों का भी विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर के सभी ईएमबी को नई चुनौतियों का सामना करने के लिए एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने की जरूरत है।


भारत में चुनाव का संचालन परिमाण और जटिलता के लिहाज से एक विशाल प्रक्रिया है। छठे चरण के चुनाव की पूर्व संध्या पर 11 मई  को प्रतिनिधियों ने दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक, पश्चिमी दिल्ली और गुड़गांव संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया ताकि चुनाव तैयारियों की गतिविधियों की झलक मिल सके, पोलिंग पार्टियों को भेजा जा सके और बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक्स व्यवस्था की जा सके और एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और समारोहपूर्ण चुनाव सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने डीईओ / आरओ की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पोल मशीनरी के साथ परस्पर बातचीत की। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने द्वारका में स्थित भारत निर्वाचन आयोग के नए प्रशिक्षण और अनुसंधान परिसर भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र संस्थान और चुनाव प्रबंधन (आईआईआईडीईएम) का दौरा किया, जो एक बार में 900 कर्मियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता रखता है। यह अत्याधुनिक परिसर भारत निर्वाचन आयोग के कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा। प्रतिनिधिगण भारत में होने वाले चुनावी कार्यक्रमों के संपूर्ण फलक को समझने के लिए बहुत उत्सुक थे। 12 मई को उन्होंने द्वारका के विभिन्न मतदान केंद्रों पर सुबह-सुबह कृत्रिम मतदान का आयोजन देखा। उन्होंने मतदान अधिकारियों के साथ बातचीत की और उन प्रक्रियाओं को समझा जो हमारे चुनावों को इतना विश्वसनीय और पारदर्शी बनाते हैं।


चल रहे मतदान के दौरान मतदान की प्रक्रिया और मतदान से जुड़े उत्सवनुमा माहौल को देखने के लिए प्रतिनिधियों ने दिनभर उत्तरी पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक दक्षिणी दिल्ली और गुड़गांव में विभिन्न मतदान केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने कुछ मतदान केंद्रों का दौरा किया जो पूरी तरह से महिला मतदान कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं, साथ ही मतदाताओं के लिए सर्वोत्तम सुविधाओं वाले कुछ मतदान केन्द्रों का भी अवलोकन किया। प्रतिनिधियों ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ बातचीत की, ताकि राज्य स्तर से चुनावों पर परिप्रेक्ष्य मिल सके। उन्होंने सीईओ कार्यालय दिल्ली में चुनाव संग्रहालय का भी दौरा किया। मतदान का समापन और मशीनों की सीलिंग से जुड़ा प्रोटोकॉल एक अन्य पहलू है जिसका अनुभव ये प्रतिनिधि दिन के दौरान प्राप्त कर सकेंगे।


इस प्रतिनिधिमंडल में म्यांमार के चुनाव आयोग के 6 सदस्यों और 9 वरिष्ठ चुनाव अधिकारियों की एक टीम भी शामिल है, जो विदेश मंत्रालय के प्रायोजन के तहत भारत के अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में भारत का दौरा कर रहे हैं।


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