चीन को तंबाकू निर्यात करने से एक बड़ा तकनीकी अवरोध खत्म हुआ
पूरी दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां दो मौसमों में तंबाकू का उत्पादन होता है। भारत अनिर्मित तंबाकू का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। भारत लगभग 5000 करोड़ रुपये मूल्य के तंबाकू का निर्यात 115 देशों को करता है। इनमें जापान और यूरोप के बाजार भी शामिल हैं।
नयी दिल्ली - भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के तहत भारतीय तम्बाकू बोर्ड की चेयरपर्सन सुश्री के. सुनीता के नेतृत्व में देश के छह प्रमुख तम्बाकू निर्यातकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 24 से 28 जून तक चीन की यात्रा की। छह प्रमुख निर्यातक हैं – आईटीसी लिमिटेड, पोलिशेट्टी सोमासुन्दरम, डेक्कन टोबैको कंपनी, गोडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड, प्रीमियर टोबैको पैकर्स लिमिटेड और एमएल एक्सपोर्ट्स। देश के कुल तंबाकू निर्यात की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी इन छह कंपनियों के पास है।
प्रतिनिधिमंडल ने 28 जून को एसटीएमए के मुख्य आयुक्त (राज्य तंबाकू एकाधिकार प्रशासन) झांग जियानमिन के साथ एक बैठक की। बैठक में सुश्री सुनीता ने भारतीय तंबाकू की विशेषताओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय तम्बाकू उच्च गुणवत्ता वाला है। इसकी खेती जैविक तरीके से होती है और यह कीटनाशकों से मुक्त होता है। पूरी दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां दो मौसमों में तंबाकू का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि चीन भारत का पड़ोसी देश है, इसलिए तम्बाकू के परिवहन पर होने वाला खर्च कम होगा। भारत अनिर्मित तंबाकू का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। भारत लगभग 5000 करोड़ रुपये मूल्य के तंबाकू का निर्यात 115 देशों को करता है। इनमें जापान और यूरोप जैसे गुणवत्ता के प्रति जागरूक बाजार भी शामिल हैं।
भारतीय तंबाकू बोर्ड की चेयरपर्सन ने कहा कि भारत उच्च गुणवत्ता वाले तंबाकू का निर्यात करने में सक्षम है। मूल्य, मात्रा, गुणवत्ता आदि मामलों में भी एकरूपता बनाए रखी जाएगी। हालांकि, भारत का चीन को तंबाकू निर्यात नगण्य है। वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वधावन ने जनवरी, 2019 में चीन की यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान चीन को भारतीय तंबाकू पत्तियों के निर्यात से संबंधित एक निष्क्रिय कानून को पांच वर्षों का विस्तार दिया गया। इससे चीन को तंबाकू निर्यात करने से संबंधित एक बड़ा तकनीकी अवरोध खत्म हुआ। भारतीय तंबाकू को बढ़ावा देने के लिए बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास चीन के सरकारी विभागों जैसे राज्य तंबाकू एकाधिकार प्रशासन, वाणिज्य मंत्रालय और अन्य संबंधित संगठनों के साथ लगातार कार्य कर रहा है।
झांग जियानमिन ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और भारतीय तंबाकू को बढ़ावा देने के लिए उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय तम्बाकू वर्तमान में चीन के बाजार के लिए उपयुक्त नहीं है, लेकिन भारत और चीन के बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों की पृष्ठभूमि में एसटीएमए को भारतीय तंबाकू बोर्ड के साथ मिलकर कार्य करने में प्रसन्नता होगी। तम्बाकू बोर्ड ने कहा कि भारत में तंबाकू उत्पादन की प्रक्रियाएं विश्वस्तर की हैं और चीन की उपयुक्तता के अनुसार तंबाकू की किस्मों का उत्पादन करने में सक्षम है। मुख्य आयुक्त ने कहा कि वे सरकारी और उद्योग जगत के प्रतिनिधिमंडल को भारत जाने का सुझाव देंगे।
वाणिज्यिक परामर्शदाता श्री प्रशांत लोखंडे ने कहा कि दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और आर्थिक संबंध मजबूत हो रहे हैं। द्विपक्षीय व्यापार 100 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। व्यापार घटे को कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एसटीएमए के सहयोग से तथा भारतीय तंबाकू की गुणवत्ता और कीमत को ध्यान में रखते हुए यह उम्मीद की जानी चाहिए कि भारतीय तंबाकू चीन के बाजार में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करेगा।
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