अमरनाथ यात्रा कार्यक्रम के लिए बालटाल पर एफएम रेडियो ट्रांसमीटर की स्थापना


"अमरनाथ यात्रा" पर इसी प्रकार के कार्यक्रम का प्रसारण दिल्ली आकाशवाणी सेवा के माध्‍यम से किया जा रहा है और यह पूरे देश में डीटीएच सेवा के माध्यम से भी उपलब्ध है। लोग इस कार्यक्रम को डीडी नि:शुल्‍क डिश सेवा के माध्यम से भी सुन सकते हैं।


नयी दिल्ली - संस्कृति मंत्रालय के अनुरोध पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा के मार्ग में स्थित बालटाल में प्रथम बार 103.7 मेगाहर्टस फ्रीक्‍वेंसी पर एक एफएम रेडियो ट्रांसमीटर स्थापित किया है। इसे संचालित करने के लिए बालटाल बेस कैंप में एक स्टूडियो व्‍यवस्‍था के साथ कार्यक्रम कार्यकारी अधिकारी को भी तैनात किया गया है। बालटाल बेस कैंप से "अमरनाथ यात्रा" के कार्यक्रम को तैयार किया जा रहा है और इसके लिए पहलगाम ट्रांसमीटर को बालटाल से जोड़ा गया है।


आकाशवाणी के माध्‍यम से यात्री प्रबंधन, मौसम, स्वास्थ्य और अन्य जानकारियों के साथ-साथ किसी सी भी तरह के अलर्ट का नियमित रूप से प्रसारण किया जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय के द्वारा इस भक्तिपूर्ण संगीत को उपलब्‍ध कराया जा रहा है।


"अमरनाथ यात्रा" पर इसी प्रकार के कार्यक्रम का प्रसारण दिल्ली आकाशवाणी सेवा के माध्‍यम से किया जा रहा है और यह पूरे देश में डीटीएच सेवा के माध्यम से भी उपलब्ध है। लोग इस कार्यक्रम को डीडी नि:शुल्‍क डिश सेवा के माध्यम से भी सुन सकते हैं।


संस्कृति मंत्रालय ने यात्रा के लिए उच्च गुणवत्ता से युक्‍त भक्तिमय कार्यक्रमों को तैयार किया है, जिसमें भगवान शिव, माता पार्वती और श्री गणेश पर प्रासंगिक अर्थ के साथ मंत्र, श्लोक और भजन शामिल हैं। इसके लिए इन कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए प्रमुख संगीत निर्देशकों और गायकों को इसमें शामिल किया गया है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अंतर्गत राष्ट्रीय सांस्कृतिक श्रव्‍य-दृश्‍य अभिलेखागार से अभिलेखीय सामग्री ली गई है।


यह संगीत ऑल इंडिया रेडियो "अमरनाथ यात्रा" सेवा पर सुबह 7 बजे से 11 बजे तक प्रसारित किया जाएगा, जिसे तीर्थयात्रियों द्वारा सामन्‍य मोबाइलों पर भी सुना जा सकता है।


उपर्युक्‍त संगीत सामग्री संस्कृति मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए 'संगम ऐप' के साथ- साथ 'एआईआर लाइव' मोबाइल ऐप पर भी उपलब्‍ध है।


इन भक्तिमय कार्यक्रमों का प्रसारण श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा प्रबंधित सभी 'लंगरों' और यात्रा के दोनों मार्ग बालटाल और पहलगाम पर किया जाएगा।


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