निवेशकों और कंपनियों को आगे बढ़ाने के लिए भारत और इटली ने फास्ट ट्रैक प्रणाली स्थापित की
भारत में इटली का दूतावास इतालवी व्यापार एजेंसी और इटली में महत्वपूर्ण मंत्रालयों के सहयोग से भारत में इस प्रणाली के भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करेगा। इटली का दूतावास भारत में इटली की कंपनियों और निवेशकों की महत्वपूर्ण चिंताओं की लगातार सूची और भारत में फास्ट ट्रैक प्रणाली का आधार तैयार करेगा।
नयी दिल्ली- भारत में इतालवी कंपनियों और निवेशकों तथा इटली में भारतीय कंपनियों और निवेशकों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों की कंपनियों और निवेशकों के लिए फास्ट ट्रैक प्रणाली स्थापित करने का फैसला किया गया है।
भारत में फास्ट ट्रैक प्रणाली का मुख्य उद्देश्य भारत में इतालवी कंपनियों और निवेशकों के सामने उनके कार्य में आने वाली समस्याओं की पहचान करने और उनके समाधान का मार्ग प्रशस्त करना है। यह प्रणाली भारत में कारोबार में सुगमता के संबंध में इतावली कंपनियों और निवेशकों के नजरिये से मिलने वाले सामान्य सुझावों पर विचार-विमर्श के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी।
उद्योग और आतंरिक व्यापार संर्वधन विभाग (डीपीआईआईटी) इन्वेस्ट इंडिया के साथ निकट सहयोग करके भारत में इस प्रणाली के भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करेगा। डीपीआईआईटी अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों और प्राधिकारों की भागीदारी बढ़ाएगा। इन्वेस्ट इंडिया अलग-अलग मामलों को जारी रखने और उनकी निगरानी के लिए जिम्मेदार एजेंसी होगा। डीपीआईआईटी द्वारा लगातार समीक्षा की जाएगी।
भारत में इटली का दूतावास इतालवी व्यापार एजेंसी और इटली में महत्वपूर्ण मंत्रालयों के सहयोग से भारत में इस प्रणाली के भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करेगा। इटली का दूतावास भारत में इटली की कंपनियों और निवेशकों की महत्वपूर्ण चिंताओं की लगातार सूची और भारत में फास्ट ट्रैक प्रणाली का आधार तैयार करेगा।
फास्ट ट्रैक प्रणाली की डीपीआईआईटी, सचिव और भारत में इटली के राजदूत के स्तर पर वर्ष में दो बार समीक्षा की जाएगी। इटली का दूतावास और डीपीआईआईटी आवश्यकता पड़ने पर प्रगति की समीक्षा के लिए छोटे अंतराल पर बैठक करेगा।
इटली में भारतीय दूतावास डीपीआईआईटी और भारत के महत्वपूर्ण मंत्रालयों के सहयोग से इटली में इस प्रणाली के भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करेगा।
भारतीय कंपनियों और इटली में निवेशकों की महत्वपूर्ण चिंताओं की अपडेटिड सूची भारतीय दूतावास द्वार तैयार की जाएगी।
पांच इतालवी कंपनियों के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए नई दिल्ली में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में भारत में इटली के राजदूत लॉरेंजो एंजलोनी और डीपीआईआईटी सचिव रमेश अभिषेक और दोनों पक्षों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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