यूएनडब्‍ल्‍यूएफपी के साथ 50 वर्षों की भागीदारी पूरी होने के अवसर पर कॉफी टेबल बुक का विमोचन


भारत में विश्‍व खाद्य कार्यक्रम का सफर बहुत लंबा और कामयाब रहा। भारत में खाद्य और पोषण सुरक्षा के मद्देनजर महत्‍वपूर्ण सकारात्‍मक बदलाव आये है और सरकार ने कुपोषण की समस्‍या हल करने के लिए महत्‍वपूर्ण प्रयास किये हैं। उन्‍होंने कहा कि इस सफलता का बड़ा कारण भारत सरकार और विश्‍व खाद्य कार्यक्रम के बीच मजबूत संबंध है, जिसके लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध रही है, ताकि देश का भविष्‍य बेहतर और उज्‍ज्वल हो सके।


नयी दिल्ली - कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री  नरेन्‍द्र सिंह तोमर तथा भारत में संयुक्‍त विश्‍व खाद्य कार्यक्रम (यूएनडब्‍ल्‍यूएफपी) के प्रतिनिधि एवं निदेशक डॉ. हमीद नूरू  ने आज नई दिल्‍ली में भारत में  खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए यूएनडब्‍ल्‍यूएफपी के साथ 50 वर्षों की भागीदारी पूरी होने के अवसर पर कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।


इस अवसर पर तोमर ने कहा कि ग्रामीण भारत को महत्‍व देने और कृषि को सतत विकास लक्ष्‍य-2 के मद्देनजर कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय भूख की स्थिति को समाप्‍त करने, खाद्य संरक्षण प्राप्‍त करने, पोषण में सुधार करने तथा बेहतर कृषि को प्रोत्‍साहन देने के सामूहिक लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के संबंध में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र विश्‍व खाद्य कार्यक्रम जैसे संगठन इस प्रयास में मंत्रालय के प्रमुख सहयोगी हैं।


उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए डॉ. नूरू ने कहा कि भारत में विश्‍व खाद्य कार्यक्रम का सफर बहुत लंबा और कामयाब रहा। भारत में खाद्य और पोषण सुरक्षा के मद्देनजर महत्‍वपूर्ण सकारात्‍मक बदलाव आये है और सरकार ने कुपोषण की समस्‍या हल करने के लिए महत्‍वपूर्ण प्रयास किये हैं। उन्‍होंने कहा कि इस सफलता का बड़ा कारण भारत सरकार और विश्‍व खाद्य कार्यक्रम के बीच मजबूत संबंध है, जिसके लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध रही है, ताकि देश का भविष्‍य बेहतर और उज्‍ज्वल हो सके।


 'कॉफी टेबल बुक' में सरकार के उन प्रयासों की जानकारी दी गई है, जिनके तहत सरकार देश को भूख और कुपोषण से मुक्‍त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पुस्‍तक में विश्‍व खाद्य कार्यक्रम की भूमिका भी दिखाई गई है। खाद्य और पोषण सुरक्षा के अलावा हरित क्रांति, श्‍वेत क्रांति, पशु धन में सुधार, डेयरी विकास इत्‍यादि के बारे में भी जानकारी दी गई है।


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