आयकर विभाग ने 700 करोड़ की अघोषित आय का पता लगाया


तलाशी के दौरान समूह के काम करने के तरीके का पता चला। इसके तहत कच्चे माल और बोतलों की कीमत को अत्यधिक बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता था। आपूर्तिकर्ताओं को इस बढ़ी कीमत का भुगतान चेक या आरटीजीएस के द्वारा किया जाता था। बाद में  आपूर्तिकर्ताओं से अतिरिक्त धनराशि नकद में वापस ले ली जाती थी


नयी दिल्ली - आयकर विभाग ने तमिलनाडु में बीयर और आईएमएफएल के एक प्रमुख उत्पादक कंपनी पर जांच और तलाशी की कार्रवाई की। जांच कार्रवाई तमिलनाडु के चेन्नई, कोयम्बटूर, तंजावुर तथा केरल, आंध्र प्रदेश और गोवा स्थित 55 स्थानों पर की गई। इन परिसरों में कंपनी के प्रमोटरों, प्रमुख कर्मचारियों और सामग्री आपूर्तिकर्ताओं के निवासस्थान शामिल हैं।


यह तलाशी अभियान खुफिया जानकारी पर आधारित थी, जिसमें कहा गया था कि यह व्यावसायिक समूह उत्पादन सामग्री की कीमत बढ़ाकर दिखाता है और इस प्रकार बड़े पैमाने पर कर चोरी करता है। तलाशी के दौरान समूह के काम करने के तरीके का पता चला। इसके तहत कच्चे माल और बोतलों की कीमत को अत्यधिक बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता था। आपूर्तिकर्ताओं को इस बढ़ी कीमत का भुगतान चेक या आरटीजीएस के द्वारा किया जाता था। बाद में  आपूर्तिकर्ताओं से अतिरिक्त धनराशि नकद में वापस ले ली जाती थी। छह वर्षों की अवधि में लगभग 400 करोड़ रुपये की कर योग्य आय को छिपाने का पता चला है।


 जांच के दौरान शराब उद्योग के एक अन्य प्रमुख व्यापार समूह के बारे में पता चला जो उक्त तरीके को अपनाकर कर चोरी में लिप्त था। विभाग ने 9 अगस्त को दूसरे समूह पर भी तलाशी अभियान शुरू किया। चेन्नई और कराईकल के सात परिसरों की तलाशी ली गई। इसमें लगभग 300 करोड़ रुपये की कर योग्य आय को छिपाने का पता चला है।


तलाशी की कार्रवाई के दौरान एक गुप्त सूचना के आधार पर, कर अधिकारियों ने नकदी ले जा रहे कुछ कर्मचारियों का पीछा किया और उन्हें रोककर कार से 4.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। इस प्रकार तलाशी कार्रवाई से अब तक 700 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है जिसके बारे में कर निर्धारण के संदर्भ में जानकारी नहीं दी गई थी।


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