CAIT ने दिए प्लास्टिक पर रोक लगाने के सुझाव
नयी दिल्ली - सभी कॉर्पोरेट कंपनियों, निर्माताओं, पैकेजिंग उद्योग आदि को एक निर्देश दिया जाए कि वे अपने उत्पादन लाइन या पैकिंग अथवा तैयार माल में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग न करें। 50 माइक्रोन से कम की प्लास्टिक शीट काउत्पादन तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए! प्लास्टिक के एकल उपयोग के लिए उचित वैकल्पिक उत्पादों को विकसित किया जाना चाहिए और उपयोगकर्ताओं को उपलब्धकराया जाना चाहिए ताकि प्लास्टिक बैग आदि का उपयोग 2 अक्टूबर से बंद हो जाए।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि एक विशेष कार्यबल जिसमें वरिष्ठ अधिकारी, व्यापारऔर उद्योग के प्रतिनिधि , प्लास्टिक निर्माताओं आदि शामिल हों को एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रभाव को समझने के लिए और सरकार को उपचारात्मक उपायों कीसिफारिश करने के लिए गठित किया जाना चाहिए ताकि इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव उद्योग और रोजगार पर न पड़े !
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के आह्वान जिसे 25 अगस्त को प्रसारित अपने "मन की बात" कार्यक्रम में दोहराया है के सन्दर्भ में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भेजे गए एक ज्ञापन में देश के व्यापारिक समुदाय के समर्थन का आश्वासन दिया है और कहा है की प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप कैट इसे एक जन आंदोलन बनाएगा जिसके लिए कैट ने 1 सितंबर से पूरे देश में लगभग 40 हजार ट्रेड फेडरेशन, चैंबर्स और एसोसिएशन के साथ एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का फैसला किया है, ताकि व्यापारिक समुदाय के बीच एकल उपयोग प्लास्टिक को रोकने के लिए प्रधानमंत्री का आवाहन देश के 7 करोड़ व्यापारियों तक पहुंच सके।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने श्री जावड़ेकर को भेजे ज्ञापन में कहा कि प्रधान मंत्री ने पूरी गंभीरता के साथ यह पहल की है और वह स्पष्ट रूप से इसे एक जन आंदोलन बनाना चाहते हैं और इसकी सफलता काफी हद तक सरकार के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी पर निर्भर करती है। एकरिपोर्ट के अनुसार यह चिंताजनक है कि देश में अनुमानित 16.5 मिलियन टन अर्थात सालाना लगभग 1.6 मिलियन ट्रक प्लास्टिक की खपत होती है। इसमें से 43% एकल-उपयोग पैकेजिंग सामग्री के लिए निर्मित प्लास्टिक है जो प्लास्टिक कचरे के रूप में उत्पन्न होता है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कुल मिलाकर भारत में उत्पादित कुलप्लास्टिक का 80% हिस्सा प्लास्टिक वेस्ट हो जाता है जो पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है क्योंकि प्लास्टिक का क्षरण अनेक वर्षों में होता है !
दोनों व्यापारी नेताओं ने आगे कहा कि व्यापारियों की दुकाने उपभोक्ताओं और जनता के साथ सीधा संपर्क रखती है इस नाते से इस मुद्दे पर देश में व्यापारियों की भूमिकाइस पहल को नीचे तक ले जाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा की कैट ने देश भर के व्यापारियों और उपभोक्ताओं को 1 सितंबर, 2019 से एक आक्रामक राष्ट्रीयअभियान के माध्यम से प्लास्टिक के एकल उपयोग को रोकने के बारे में शिक्षित और जागरूक करने का निर्णय लिया है।
भरतिया और खंडेलवाल ने जावेड़कर से कुछ तात्कालिक कदम उठाने का आग्रह किया है, जिसमें सभी कॉर्पोरेट कंपनियों, निर्माताओं, पैकेजिंग उद्योग आदि को एक निर्देश दिया जाए कि वे अपने उत्पादन लाइन या पैकिंग अथवा तैयार माल में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग न करें। 50 माइक्रोन से कम की प्लास्टिक शीट काउत्पादन तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए! प्लास्टिक के एकल उपयोग के लिए उचित वैकल्पिक उत्पादों को विकसित किया जाना चाहिए और उपयोगकर्ताओं को उपलब्धकराया जाना चाहिए ताकि प्लास्टिक बैग आदि का उपयोग 2 अक्टूबर से बंद हो जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि एक विशेष कार्यबल जिसमें वरिष्ठ अधिकारी, व्यापारऔर उद्योग के प्रतिनिधि , प्लास्टिक निर्माताओं आदि शामिल हों को एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रभाव को समझने के लिए और सरकार को उपचारात्मक उपायों कीसिफारिश करने के लिए गठित किया जाना चाहिए ताकि इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव उद्योग और रोजगार पर न पड़े !
उन्होंने बड़ी संख्या में देश भर में प्लास्टिक बनाने वाली इकाइयों जो देश के लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं की दिशा में श्री जावड़ेकर का ध्यान आकर्षित करते हुएयह सुझाव दिया है कि कोई भी कदम उठाने से पहले, सरकार को उपयुक्त उपाय या वैकल्पिक उपाय करने चाहिए ताकि ऐसे उद्योग विस्थापित न हों और इन उद्योगों मेंकार्यरत लोग बेरोजगार न हों। इसी प्रकार प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2018 को और अधिक प्रभावी बनाया जाए !
कैट ने 29 अगस्त, 2019 को नई दिल्ली में सभी राज्यों के व्यापारी नेताओं का एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया है, जिसमें 1 सितंबर से शुरू होने वाले अपने राष्ट्रीयअभियान के लिए एक रोडमैप और चाक-चौबंद रणनीति तैयार की जाएगी और पूरे देश में व्यापारियों को सलाह दी जायेगी की प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए अनुसार एकलप्लास्टिक उपयोग बैग का उपयोग न करने के लिए उन्हें सामान बेचने के लिए कपड़े या जूट के बैग को बढ़ावा देना चाहिए और उपभोक्ताओं को उसी के अनुसार सलाह देनाचाहिए।
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