देश के हर जिले में कम्युनिटी रेडियो स्टेशन स्थापित किया जाएगा
नयी दिल्ली - दूरसंचार विभाग (डॉट) ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के संचालन के लिए 89.6 और 90.0 मेगाहर्ट्ज की दो अतिरिक्त विशेष फ्रीक्वेंसी आवंटित करने पर अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए विज्ञापन दरों में हाल ही में की गई बढ़ोतरी की तर्ज पर सामुदायिक रेडियो के लिए विज्ञापन दरों को दो माह के भीतर आउटरीच एवं संचार ब्यूरो (बीओसी) द्वारा संशोधित किया जाएगा।
खरे ने यह भी घोषणा की कि शिकायत निवारण और हितधारकों से प्राप्त कार्रवाई योग्य सुझावों के संकलन के लिए मंत्रालय में एक सामुदायिक रेडियो प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी मंत्रालयों की मीडिया एवं संचार योजना में सामुदायिक रेडियो को भी अवश्य शामिल किया जाना चाहिए, ताकि जमीनी स्तर पर इन स्टेशनों की अच्छी पैठ एवं पहुंच से लाभ उठाया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि देश भर में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर प्रसारित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों के सार-संग्रह को सभी जिलाधीशों के बीच वितरित किया जाएगा, ताकि इन्हें अपने स्थानीय संचार प्रयासों के तहत सामुदायिक रेडियो के उपयोग के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके। यह सार-संग्रह इस सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा जारी किया गया थ
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित सातवें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का समापन हो गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव अमित खरे ने समापन भाषण देते हुए यह जानकारी दी कि दूरसंचार विभाग (डॉट) ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के संचालन के लिए 89.6 और 90.0 मेगाहर्ट्ज की दो अतिरिक्त विशेष फ्रीक्वेंसी आवंटित करने पर अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए विज्ञापन दरों में हाल ही में की गई बढ़ोतरी की तर्ज पर सामुदायिक रेडियो के लिए विज्ञापन दरों को दो माह के भीतर आउटरीच एवं संचार ब्यूरो (बीओसी) द्वारा संशोधित किया जाएगा।
खरे ने यह भी घोषणा की कि शिकायत निवारण और हितधारकों से प्राप्त कार्रवाई योग्य सुझावों के संकलन के लिए मंत्रालय में एक सामुदायिक रेडियो प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी मंत्रालयों की मीडिया एवं संचार योजना में सामुदायिक रेडियो को भी अवश्य शामिल किया जाना चाहिए, ताकि जमीनी स्तर पर इन स्टेशनों की अच्छी पैठ एवं पहुंच से लाभ उठाया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि देश भर में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर प्रसारित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों के सार-संग्रह को सभी जिलाधीशों के बीच वितरित किया जाएगा, ताकि इन्हें अपने स्थानीय संचार प्रयासों के तहत सामुदायिक रेडियो के उपयोग के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके। यह सार-संग्रह इस सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा जारी किया गया था।
खरे ने घोषणा की कि अब से राष्ट्रीय सम्मेलन हर वर्ष आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही क्षेत्रीय सम्मेलन देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किए जाएंगे। श्री खरे ने कहा कि मंत्रालय का लक्ष्य प्रत्येक जिले में कम से कम एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित करना है जिसकी शुरुआत आकांक्षी जिलों से की जाएगी। श्री खरे ने देश में सामुदायिक रेडियो से जुड़े अभियान के व्यापक प्रसार की उम्मीद जताई।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि सामुदायिक रेडियो की जीवंत संस्कृति के विकास से जमीनी स्तर पर सूचनाओं का और ज्यादा प्रसार सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी जिससे लोगों का और भी अधिक सशक्तिकरण संभव होगा। उन्होंने तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान आयोजित विभिन्न सत्रों का सार प्रस्तुत किया और पूरे उत्साह के साथ इसमें भाग लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति का धन्यवाद किया।
टिप्पणियाँ