"वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया" पुरस्कार के लिए नामांकन आमंत्रित
वाट्सअप ने डब्ल्यूटीआई पुरस्कार 2019 के लिए डब्ल्यूईपी के साथ करार किया है और वह विजेताओं को 100,000 डॉलर के बराबर की सहायता प्रदान करेगा।
महिलाओं के रूपांतरण को एक आन्दोलन करार देते हुए सुश्री रेनाटा लोक-डेसालियन ने कहा, “हमने अपनी थीम के रूप में महिलाओं की उद्यमशीलता को इसलिए चुना क्योंकि इन पुरस्कारों के मध्य में यह विचार है कि महिलाएं परिवर्तन का नेतृत्व करें। मेरा मानना है कि अगर कोई भी ऐसा समूह है जो निर्णायक रूप से भारत, और विश्व, सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धियों को गति प्रदान कर सकता है, वे भारत की महिलाएं हैं।
नयी दिल्ली - भारत सरकार के प्रमुख विचार मंच नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (डब्ल्यूटीआई) पुरस्कारों का चौथा संस्करण आरंभ किया है। भारत में संयुक्त राष्ट्र की रेजीडेंट कॉडिनेटर सुश्री रेनाटा लोक-डेसालियन ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और महिला उद्यमशीलता मंच (डब्ल्यूईपी) के साझीदारों की उपस्थिति में डब्ल्यूटीआई पुरस्कार 2019 के लिए नामांकन प्रक्रिया आरंभ की।
पुरस्कार के लिए आवेदन आरंभ हो चुके हैं और नामांकन https://wep.gov.in. पर किए जा सकते हैं।
2016 में अपनी शुरूआत से ही डब्ल्यूटीआई पुरस्कार पूरे भारत की अनुकरणीय महिलाओं की गाथाओं को सम्मानित करते रहे हैं। डब्ल्यूटीआई पुरस्कार 2019 के लिए थीम “महिला एवं उद्यमशीलता” है जो पिछले संस्करण की थीम की निरंतरता में है। यह ऐसी महिला उद्यमियों को सम्मानित करता है जो व्यवसायों और उद्यमों के माध्यम से रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ती रहीं हैं और एक गतिशील नवीन भारत के निर्माण में नवोन्मेषी विकास संबंधी समाधान उपलब्ध कराती रहीं हैं।
यह अभियान पिछले तीन वर्षों के दौरान डब्ल्यूटीआई पुरस्कारों की सफलता पर आधारित है। डब्ल्यूटीआई पुरस्कार 2018 को 2300 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे। एक उच्च वस्तुपूरक और सख्त चयन प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, स्वच्छता, कला एवं संस्कृति, सामाजिक नवन्मेषण एवं प्रभाव में प्रेरक कार्य करने वाली 15 महिला उद्यमियों को सम्मानित किया गया। डब्ल्यूटीआई पुरस्कारों के पहले दो संस्करणों में 12 असाधारण कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया जिसमें से प्रत्येक महिला ने भारत के नगरों, शहरों एवं गांवों में समाजों को रूपांतरित करने तथा खुद को एवं अपने समुदायों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए असाधारण कार्य किया था।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इस अवसर पर कहा, “डब्ल्यूटीआई पुरस्कार नीति आयोग की प्रमुख पहल है। पिछले तीन वर्षों से हम महिलाओं की शक्ति और उनके समाजों की समस्याओं को उजागर करने के उनके प्रयासों को सम्मानित करते रहे हैं। भारत की भविष्य की स्टार्टअप प्रणाली का नेतृत्व महिला आधारित उद्यमियों द्वारा ही किया जाएगा। मैं व्यक्तिगत रूप से डब्ल्यूटीआई पुरस्कार के विजेताओं की सफलता सुनिश्चित करने की कामना करता हूं।”
महिलाओं के रूपांतरण को एक आन्दोलन करार देते हुए सुश्री रेनाटा लोक-डेसालियन ने कहा, “हमने अपनी थीम के रूप में महिलाओं की उद्यमशीलता को इसलिए चुना क्योंकि इन पुरस्कारों के मध्य में यह विचार है कि महिलाएं परिवर्तन का नेतृत्व करें। मेरा मानना है कि अगर कोई भी ऐसा समूह है जो निर्णायक रूप से भारत, और विश्व, सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धियों को गति प्रदान कर सकता है, वे भारत की महिलाएं हैं।
आधे बिलियन से अधिक महिलाएं कोई लक्षित दर्शक नहीं हैं। वे विकास की प्राप्तकर्ता नहीं हैं, वे हितधारक हैं। उनकी पूर्ण और समान सहभागिता संवाद को परिवर्तित कर देती है, जिस प्रकार हम विकास के बारे में चर्चा करते हैं; यह राजनीति और निर्णय निर्माण को रूपांतरित कर देती है; यह नीति में सुधार लाती है।”
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