पुलिस व्यवस्था और थानों को लोगों के अनुकूल बनाएं: उपराष्ट्रपति
नयी दिल्ली - थाने लोगों के लिए संपर्क करने का पहला स्थान है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को यह विश्वास होना चाहिए कि पुलिस कर्मी उसकी शिकायत का निवारण करने में समर्थ हैं। आप इस बात से सहमत होंगे कि वर्तमान में शिकायतकर्ता इस गलतफहमी के साथ थाने में प्रवेश करता है कि क्या उसकी रिपोर्ट दर्ज की जाएगी या उसके साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा।
नायडू ने कहा, “हम थानों को लोगों के अनुकूल बनाने के लिए कई सालों से बात कर रहे हैं। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है। जब तक वरिष्ठ अधिकारी थानों में माहौल सुधारने का बीड़ा नहीं उठाएंगे तब तक स्थिति नहीं बदल सकती हैं। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पुलिस व्यवस्था को लोगों पर केंद्रित बनाने और थानों को लोगों के अनुकूल एवं सुलभ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उपराष्ट्रपति ने इंडियन पुलिस फाउंडेशन, नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआर एंड डी) द्वारा संयुक्त रूप से स्मार्ट पुलिस व्यवस्था पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पुलिस बलों में आंतरिक सुधार करने का सुझाव दिया। उन्होंने थानों में माहौल को बेहतर करने पर भी जोर दिया ताकि उन्हें शिकायत दर्ज करने के लिहाज से अनुकूल बनाया जा सकें।
नायडू ने उन्हें अपराध के आंकड़ों में वृद्धि को लेकर परेशान होने के बजाय मामलों को तेजी से निपटाने के लिए कुशल एवं वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि हरेक शिकायत को अवश्य पंजीकृत किया जाना चाहिए और उस संबंध में पूछताछ की जानी चाहिए।
आतंकवाद, माओवाद और उग्रवाद जैसी समस्याओं के संदर्भ में नायडू ने कहा कि बुलेट के मुकाबले बैलेट अधिक दमदार होता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। देश की रक्षा और सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों की क्षमता को बेहतर करने के उपाय शुरू करने पर जोर दिया ताकि उभरती चुनौतियों से प्रभावी तौर पर निपटा जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रेरित एवं प्रतिबद्ध पुलिस द्वारा सुनिश्चित की गई कानून व्यवस्था देश के सतत आर्थिक विकास के लिए आवश्यक नींव रखेगी।
साइबर युग में पैदा हुईं चुनौतियों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए देश भर में पुलिस बलों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन, जांच, रक्षा एवं सुरक्षा प्रबंधन के साथ-साथ नागरिक केंद्रित पुलिस व्यवस्था के क्षेत्र में आईटी के इस्तेमाल के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
स्मार्ट पुलिस व्यवस्था के बारे में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वीआईपी सुरक्षा से निपटने और वीवीआईपी लोगों के आवाजाही के दौरान यातायात के प्रबंधन के लिए अभिनव दृष्टिकोण से सोचने की जरूरत है।
महिलाओं एवं नाबालिग बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न और अपराधों के छिटपुट उदाहरणों पर चिंता व्यक्त करते हुए नायडू ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों को बेहतर करने का आह्वान किया। वह चाहते हैं कि इन मामलों में पुलिस को सख्ती से कार्रवाई करने के बारे में संवेदनशील होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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