राष्ट्रपति ने प्रथम राष्ट्रीय कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) पुरस्कार प्रदान किए
नयी दिल्ली -"सीएसआर के जरिए इस तरह का योगदान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप दर्शन की सच्ची अभिव्यक्ति है। उन्होंने यह बात भी रेखांकित की कि इन पुरस्कारों की विशेष अहमियत है, क्योंकि इन्हें महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएसआर अब कुछ इस तरह से कारोबारी दर्शन का एक अभिन्न अंग बन गया है कि कंपनियां ऐसे कार्यकलाप भी करती हैं, जो महिलाओं, दिव्यांगजनों, ग्रामीण क्षेत्रों एवं झुग्गी–बस्तियों सहित गरीबों और जरूरतमंद लोगों को सीधे तौर पर लाभान्वित करते हैं"~ राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनिंदा कंपनियों को राष्ट्रीय कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने 'सीएसआर में उत्कृष्टता के लिए कॉरपोरेट पुरस्कार' और 'चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सीएसआर का योगदान' नामक दो श्रेणियों में विजेता कंपनियों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कारों के जरिए समाज में कंपनियों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ एवं समावेशी समाज का निर्माण करने, टिकाऊ बाजार सुनिश्चित करने, भ्रष्टाचार से निपटने और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देने के लिए कंपनियों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने घोषणा की कि अब से राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार हर वर्ष 2 अक्टूबर को दिए जाएंगे। उन्होंने उद्योग जगत का आह्वान किया कि वे सभी अनाथ बच्चों को बेहतर व्यक्तिगत देखभाल उपलब्ध कराने का लक्ष्य प्राप्त करने की कोशिश करें।
इस अवसर पर केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव इंजेती श्रीनिवास, आईआईसीए के डीजी एवं सीईओ डॉ. समीर शर्मा, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, सीएसआर प्रोफेशनल भी उपस्थित थे।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने समावेशी एवं सतत विकास हासिल करने के लिए सीएसआर क्षेत्र में कॉरपोरेट जगत की पहलों को मान्यता देने के लिए राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कारों की शुरुआत की है। मंत्रालय के थिंक-टैंक भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) ने इस जटिल पुरस्कार प्रक्रिया के संचालन के लिए आवश्यक तकनीकी एवं लॉजिस्टिक्स सहयोग प्रदान किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुरस्कारों की 'राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सीएसआर का योगदान' नामक तीसरी श्रेणी की विजेता कंपनियों का अभिनंदन किया। वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सीएसआर दरअसल धनराशि का योगदान मात्र नहीं है, बल्कि यह समावेशी समाज सुनिश्चित करने की दिशा में कॉरपोरेट योगदान है, जो विशेष अहमियत रखता है। श्रीमती सीतारमण ने विशेष जोर देते हुए कहा कि कंपनियों को देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय सीएसआर को अपनाने के लिए कंपनियों को विवश नहीं करेगा, बल्कि प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने भारत में कंपनियों के सीएसआर कार्यकलापों पर एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। वित्त मंत्री ने इसकी पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।
अनुराग सिंह ठाकुर ने अपने संबोधन में खेल-कूद, स्वच्छ गंगा, शिक्षा, स्वास्थ्य, दिव्यांग और कौशल तथा आजीविका जैसे सेक्टरों में सीएसआर कार्यक्रमों के जरिए कंपनियों के उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डाला। सीएसआर रूपरेखा की समीक्षा करने और अपेक्षाकृत अधिक सुदृढ़ एवं संयोजित सीएसआर नियामकीय एवं नीतिगत फ्रेमवर्क विकसित करने के लिए सिफारिशें पेश करने का उल्लेख करते हुए इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि सीएसआर अब सिर्फ परोपकार का कार्य नहीं रह गया है, बल्कि अब तो यह समाज एवं पर्यावरण के प्रति उद्योग जगत के उत्तरदायित्व के तहत दिया जाता है।
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