डाक और तार विभाग भवन निर्माण सेवा P&T-BWS समूह-ए काडर की समीक्षा को मंजूरी
नयी दिल्ली - डाक-तार विभाग भवन निर्माण सेवा समूह-ए का गठन 1990 में एक संगठित समूह-ए सेवा के रूप में किया गया था। इसकी तीन शाखाएं - सिविल, इलेक्ट्रिक और आर्किटेक्चर हैं। यह दूरसंचार विभाग और डाक विभाग के लिए अपनी सेवाएं देता है। इसके कर्मचारियों और अधिकारियों का चयन संघ लोक सेवा द्वारा आयोजित संयुक्त इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिये किया जाता है।
पी एंड टी बीडब्ल्यूएस के अधिकारी, दूरसंचार विभाग और डाक विभागदूरसंचार विभाग की सार्वजनिक इकाइयों तथा केन्द्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकार के स्वायत्त निकायों में प्रबंधन और प्रशासनिक स्तर पर काम कर रहे हैं। 1990 में गठन के बाद से ही इस सेवा काडर की समीक्षा नहीं की गई थी और यह काफी समय से लंबित पड़ी थी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने डाक एवं तार विभाग भवन निर्माण सेवा समूह-ए की काडर समीक्षा को मंजूरी दे दी है। इस ड्यूटी के पदों की संख्या 105 निर्धारित की गई थी। इनकी समीक्षा से दूरसंचार विभाग और डाक विभाग के मुख्यालयों और क्षेत्रीय इकाइयों में काडर गठन को आवश्यकताओं के अनुरूप मजबूती मिलेगी। इससे पी एंड टी बीडब्ल्यूएस श्रेणी के अधिकारियों की पदोन्नति में आया ठहराव कम किया जाएगा। यह भी फैसला लिया गया कि मौजूदा काडर में और कोई नई नियुक्तियां नहीं की जाएगी और इस काडर को चरणबद्ध तरीके से ऐसे खत्म किया जाएगा, जिससे अधिकारी किसी तरह प्रभावित न हो।
बीएसएनएल के गठन के बाद इस काडर के कई कर्मचारियों के बीएसएनएल में नियुक्त किये जाने के कारण पी एंड टी-बीडब्ल्यूएस का कामकाज और अधिकारियों की संख्या प्रभावित हुयी। संचार विभाग के सेवाएं और काम बीएसएनल को हस्तांतरित कर दिए जाने के बाद पीएंडटी बीडब्लयूएस के पास निजी और सरकारी दोनों तरह की टेलीकाम सेवाओं तथा दूरसंचार विभाग और डाक विभाग की अवसंरचना जरुरतों,संचार विभाग और डाक विभाग की परिसंपत्तियों के रखरखाव,नई परियोजनाओं की देख-रेख,केन्द्रीय बिजली प्राधिकरण नियमावली 2010 के अनुरूप इलेक्ट्रोमेकैनिकल इंस्टालेशन की जांच, दिशानिर्देश तय करने,टेलीकाम इंस्टालेशनों के मानक तय करने,हरित पहलऔर ईएमएफ रेडियेटर्स आदि की निगरानी की जिम्मेदारी आ गयी।
इसके साथ समूह ए काडर के अधिकारियों की पदोन्नति में भी ठहराव आ गया। ऐसे में इस काडर की समीक्षा बेहद जरुरी हो गई थी। कैडर में अधिकारियों की संख्या को मौजूदा कार्यबल के आधार पर सीमित कर दिया गया था। ऐसे में इस काडर की समीक्षा के लिए सरकार पर किसी तरह का अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं आएगा।
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