दिल्ली आदि महोत्सव 16 से 30 नवम्बर तक आयोजित होगा
नयी दिल्ली - जनजातीय कार्य मंत्रालय के ट्राइफेड संगठन ने 'आदि महोत्सव-राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव' के आयोजन की एक नई अवधारणा शुरू की है, ताकि महानगरों तथा राज्यों की राजधानियों के बाजारों तक जनजातीय उस्ताद शिल्पकारों और महिलाओं की सीधी पहुंच हो सकें। मौजूदा वित्त-वर्ष के दौरान ऐसे 26 उत्सवों की योजना तैयार की गई है। इनमें से आठ उत्सव शिमला, ऊटी, लेह-लद्दाख, विशाखापत्तनम, नोएडा, इंदौर, पुणे और भुवनेश्वर में आयोजित हो चुके हैं। इनमें लगभग 900 जनजातीय शिल्पकारों ने हिस्सा लिया और 5 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हुई।
इस उत्सव में 27 राज्यों से एक हजार से अधिक जनजातीय शिल्पकार और कलाकार हिस्सा लेंगे। इस दौरान देश के 20 राज्यों की संस्कृति तथा जनजातीय रिवाजों, उत्सवों, मार्शल-ऑर्ट आदि का प्रदर्शन किया जायेगा।
दिल्ली आदि महोत्सव 16 से 30 नवम्बर बीच दिल्ली-हाट,आईएनए में आयोजित होगा। उद्घाटन समारोह में गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि होंगे और कार्यक्रम की अध्यक्षता जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे। जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरूता विशिष्ट अतिथि होंगी। ट्राइफेड के महानिदेशक प्रवीण कृष्ण ने एक प्रेस-वार्ता में इसकी घोषणा की।
इस कार्यक्रम की विषय-वस्तु 'जनजातीय शिल्प, संस्कृति और व्यापार का भाव-उत्सव' है, जिसमें जनजातीय जीवन की झांकी प्रदर्शित होगी। इस उत्सव में 200 स्टॉलों के जरिये जनजातीय हस्तशिल्प, कला, चित्रकारी, वस्त्र, आभूषण इत्यादि की प्रदर्शनी लगाई जायेगी और उन्हें बिक्री के लिए पेश किया जायेगा।
हथकरघा और हस्तशिल्प के अलावा ट्राइफेड प्रधानमंत्री वन-धन योजना के जरिये वन्य उत्पादों के प्रसंस्करण तथा मूल्यसंवर्धन को प्रोत्साहन देता है। जनजातीय उपक्रमों को बढ़ावा देने के लिए इसे विशेष योजना का दर्जा दिया गया है। 27 अगस्त, 2019 से लेकर अब तक भारत सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत 17 राज्यों में 662 वन-धन विकास केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है, जो 2 लाख जनजातियों को को प्रोत्साहित कर रहे हैं। दिव्यांग जनजातीय कलाकारों और शिल्पकारों को प्रोत्साहन करने के लिए एक विशेष पहल की गई है। इस योजना के तहत ट्राइफेड ने 45,000 जनजातीय दिव्यांग शिल्पकारों को ध्यान में रखते हुए आगामी पांच महीनों में देश में कम-से-कम 150 केन्द्र खोलने का प्रस्ताव किया है।
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