गुरु नानक देव जी ने 'सरबत दा भला' यानी 'सभी की भलाई' के लिए काम किया~राष्ट्रपति
नयी दिल्ली - गुरु नानक देव जी का जीवन और शिक्षाएं संपूर्णता को प्रेम, त्याग, समानता और सद्भाव के आदर्शों से अवगत कराती हैं। उन्होंने ज्ञान का प्रकाश फैलाया और सभी को भेद मानवभाव तथा कर्मकांडों से मुक्त होने के लिए प्रेरित किया और 'सरबत दा भला' यानी 'सभी की भलाई' के लिए काम किया। उन्होंने नाम जपो, कीरत करो और वंड छको' का संदेश दिया है, जिसका अर्थ है: ईश्वर के नाम का जप करो, ईमानदारी और मेहनत के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाओ और जो कुछ भी कमाते हो उसे जरूरतमंदों के साथ बांटो। उन्होंने पूरी मानता के लिए यह आह्वान किया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस की देश के नागरिकों को अपनी शुभकामनांए दी हैं। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के शुभ अवसर पर मैं देश और विदेश में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों विशेष रूप से सिख समुदाय के भाई और बहनों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
गुरु नानक देव जी ने महिलाओं के सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया। वे एक आदर्श पारिवारिक व्यक्ति थे, जो एक संतों की तरह रहे और उन्होंने पूरी दुनिया को 'कर्म' का संदेश दिया। हम इस शुभ अवसर पर गुरु नानक देव का अनुसरण करें और उनकी समानता तथा सामाजिक एकता की शिक्षाओं पर आधारित समाज का निर्माण करें।
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