मानव तस्करी रोकने के लिए भारत और म्यांमार के बीच द्विपक्षीय समझौता
मानव तस्करी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जटिलता बन गई है। मानव तस्करी की जटिल प्रकृति की वजह से घरेलू, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इससे निपटने के लिए बहुआयामी रणनीति की जरूरत है। मानव तस्करी रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की सख्त जरूरत है। भारत और म्यांमार के बीच सीमा नियंत्रण एजेंसियों और संचार के विभिन्न संगठनों के बीच सहयोग मानव तस्करी रोकने और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने का एक प्रभावी साधन हो सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने मानव तस्करी रोकने, पीडि़तों को छुड़ाने और उन्हें स्वदेश भेजने के लिए द्विपक्षीय सहयोग पर भारत और म्यांमार के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है। दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध को और मजबूत करना एवं मानव तस्करी को रोकने, पीडि़तों को छुड़ाने और उन्हें स्वदेश भेजने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना।मानव तस्करी के सभी रूपों को रोकने के लिए सहयोग बढ़ाना और तस्करी के शिकार लोगों को सुरक्षा एवं सहयोग प्रदान करना।
दोनों देशों में मानव तस्करों और संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ त्वरित जांच और अभियोजन सुनिश्चित करना। आप्रवासन एवं सीमा नियंत्रण सहयोग को मजबूत करना और मानव तस्करी रोकने के लिए संबंधित मंत्रालयों और संगठनों के साथ रणनीति का क्रियान्वयन। मानव तस्करी रोकने की कोशिशों के तहत कार्य समूह/कार्यबल का गठन करना। मानव तस्करों एवं तस्करी के शिकार लोगों के आंकड़े जुटाना और भारत एवं म्यांमार के तय केंद्र बिंदुओं के जरिए सूचना का आदान-प्रदान करना। दोनों देशों से जुड़ी एजेंसियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाना। तस्करी के शिकार लोगों के बचाव, उन्हें छुड़ाना और स्वदेश वापस भेजने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तय करना और उसका पालन करना।
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