5वाँ वाणी फ़ाउण्डेशन विशिष्ट अनुवादक पुरस्कार अवार्ड 22 जनवरी को
- पुरस्कार स्वरूप लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि के साथ वाणी प्रकाशन ग्रुप का सम्मान चिन्ह दिया जाएगा।
- वर्ष 2019 में प्रख्यात कवि, कथाकार, अनुवादक और चित्रकार तेजी ग्रोवर को नवाज़ा गया था।
- पुरस्कार 22 जनवरी 2020 को जयपुर बुकमार्क हवेली, डिग्गी पैलेस, जयपुर दिया जाएगा। नई दिल्ली : वाणी प्रकाशन ग्रुप और टीमवर्क आर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से प्रत्येक वर्ष विशिष्ट अनुवादक पुरस्कार प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार भारत के उन अनुवादकों को दिया जाता है जिन्होंने निरन्तर और कम से कम दो भारतीय भाषाओं के बीच साहित्यिक और भाषाई सम्बन्ध विकसित करने की दिशा में गुणात्मक योगदान दिया है| इस वर्ष विशिष्ट अनुवादक पुरस्कार 22 जनवरी 2020 को जयपुर बुकमार्क हवेली, डिग्गी पैलेस, जयपुर दिया जाएगा.
यह पुरस्कार विशेष रूप से उन अनुवादकों को दिया जाता है जिन्होंने निरन्तर लेखन व अनुवाद के माध्यम से साहित्यिक समृद्धि के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है, यह पुरस्कार न केवल अनुवादक व लेखक के लिए एक सार्वजनिक मंच तैयार करता है बल्कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेता व उसके योगदान को भाषाओं के माध्यम से वासुदेव बैकुंठम की भावना को पोषित करता है। पुरस्कार स्वरूप लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि के साथ वाणी प्रकाशन ग्रुप का सम्मान चिन्ह दिया जाता है।
निर्णायक मण्डल के साथ वाणी फ़ाउण्डेशन के अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी ने कहा कि “समकालीन समय में भारतीय भाषाओं के बीच आदान-प्रदान ही हमारे देश की उन्नति की नींव है।
इस पुरस्कार के सम्मानित निर्णायक मण्डल में नमिता गोखले संस्थापक और सह-निदेशक, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल; नीता गुप्ता निदेशक, जयपुर बुक मार्क और संदीप भूतोड़िया सांस्कृतिक आलोचक शामिल हैं।
इस पुरस्कार की आवश्यकता इसलिए विशेष रूप से महसूस की जा रही थी क्योंकि वर्तमान स्थिति में दो भाषाओं के मध्य आदान-प्रदान को बढ़ावा देने वाले की स्थिति बहुत निम्न है| इसका उद्देश्य एक ओर अनुवादकों को भारत के गौरवशाली इतिहास और साहित्यिक सम्बन्धों को आदान-प्रदान की पहचान के लिए प्रेरित करना है, दूसरी ओर, भारत की सशक्त संस्कृति व परम्परा को वर्तमान और भविष्य के साथ जोड़ने के लिए प्रेरित करना है।
इस सम्मान के तहत वर्ष 2016 का प्रथम वाणी फ़ाउण्डेशन ‘डिस्टिंग्विश्ड ट्रांसलेटर अवार्ड’ मलयालम कवि श्री अत्तूर रवि वर्मा को प्रदान किया गया। वर्ष 2017 में यह पुरस्कार प्रख्यात अनुवादक, कवयित्री, लेखिका और आलोचक डॉ. अनामिका को दिया गया। वर्ष 2018 में सांस्कृतिक इतिहासज्ञ और अनुवादक डॉ. रीता कोठारी को दिया गया और वर्ष 2019 में इस पुरस्कार से प्रख्यात कवि, कथाकार, अनुवादक और चित्रकार तेजी ग्रोवर को नवाज़ा गया।
वाणी प्रकाशन ग्रुप 57 वर्षों से 32 साहित्य की नवीनतम विधाओं से भी अधिक में, बेहतरीन हिन्दी साहित्य का प्रकाशन कर रहा है। वाणी प्रकाशन ग्रुप ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑडियो प्रारूप में 6,000 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। वाणी प्रकाशन ग्रुप ने देश के 3,00,000 से भी अधिक गाँव, 2,800 क़स्बे, 54 मुख्य नगर और 12 मुख्य ऑनलाइन बुक स्टोर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है।
वाणी प्रकाशन ग्रुप भारत के प्रमुख पुस्तकालयों, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, ब्रिटेन और मध्य पूर्व, से भी जुड़ा हुआ है। वाणी प्रकाशन ग्रुप की सूची में, केन्द्रीय साहित्य अकादेमी से सम्मानित 25 पुस्तकें और लेखक, हिन्दी में अनूदित 9 नोबेल पुरस्कार विजेता और 24 अन्य प्रमुख पुरस्कृत लेखक की पुस्तकें शामिल हैं। वाणी प्रकाशन को क्रमानुसार नेशनल लाइब्रेरी, स्वीडन, रशियन सेंटर ऑफ आर्ट एण्ड कल्चर तथा पोलिश सरकार द्वारा इंडो, पोलिश लिटरेरी के साथ सांस्कृतिक सम्बन्ध विकसित करने का गौरव सम्मान प्राप्त है। वाणी प्रकाशन ग्रुप ने 2008 में ‘Federation of Indian Publishers Associations’ द्वारा प्रतिष्ठित ‘Distinguished Publisher Award’ भी प्राप्त किया है। सन् 2013 से 2017 तक केन्द्रीय साहित्य अकादेमी के 68 वर्षों के इतिहास में पहली बार श्री अरुण माहेश्वरी केन्द्रीय परिषद् की जनरल काउन्सिल में देशभर के प्रकाशकों के प्रतिनिधि के रूप में चयनित किये गये।
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