अशोक लेलैंड की पहली खेप BS-VI ट्रक्स का बाजार में आया
गुरुग्राम : हिंदुजा समूह की प्रमुख और भारत की अग्रणी कमर्शियल गाड़ियों की कंपनी अशोक लेलैंड ने वाहनों में BS6 प्रदूषण मानकों को अमल में लाने की तयशुदा तारीख 01 अप्रैल, 2020 से पहले ही अपने ग्रहकों के लिए BS-VI ट्रक देने वाली वाहन निर्माता बन गई है दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में BS6 डीजल वाहनों की उपलब्धता अशोक लेलैंड ने BS VI वाहनों की पहली खेप अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराई ।
व्यावसाियक वाहन उद्योग में कुछ नया और अच्छा करने में अगुआ बने रहने केि लए के लिए अशोक लेलैंड ने हमेशा अपनी आन्तिरक अनुसंधान और िवकास प्रितभा और स्वदेशी तकनीक पर भरोसा िकया है. कंपनी का फोकस उन समाधानोंको िवकिसत करना हैजो बाजार और भारत में वाहन पिरचालन की चुनौतीपूर्ण स्िथितयों केिलए प्रासंिगक हैं. BS-VI उत्सर्जन मानक को पूरा करनेकेिलए, कंपनी नेिमड-एनओएक्स तकनीक िवकिसत की, जो वाहन मािलकों केिलए उच्च पिरचालन लाभ सुिनश्िचत करेगी।
अनुज कथूिरया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अशोक लेलैंड ने कहा,” हम बीएस-VI को हमारेिलए एक अवसर केरूप में देख रहेहैं और हमनेइस प्रमुख पिरवर्तन में एक सकारात्मक पहल की है। अशोक लेलैंड 2016 मेंBS-VI ट्रक का प्रदर्शन करनेपहली कंपनी बन गयी थी, हमनेसबसेपहलेअपनेवाहनों की पूरी श्रृंखला केिलए BS-VI प्रमाण पत्र प्राप्त िकया और अब हम BS-VI ट्रक देनेवाली पहली कंपनी बन गए हैं, वो भी इन िनयमों केलागूहोनेसेबहुत पहले. नए BS-VI इंजन केसाथ, हम अपने मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म को भी पेश करेंगे, जो व्यावसाियक वाहन उद्योग के िलए एक गेम-चेंजर होगा।
हम ऐसे नवाचार लाने केिलए उत्सािहत हैं जो न केवल हमारेग्राहकोंको बेहतर लाभप्रदता केसाथ मदद करतेहैं, बल्िक, एक सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव भी रखतेहै। अशोक लेलैंड BS-VI ट्रक और बसें उत्कृष्टता की कसौटी पर पूरा उतरती हैं और नई रेंज ने भारतीय परिस्थितियों केअनुरूप कई नवाचारों को समािहत किए है. कंपनी ने प्रभावी रूप से सािबत िकए गए iEGR और एक बेस्ट-इन-क्लास SCR प्रणाली के संयोजन केमाध्यम सेBS-VI उत्सर्जन सीमाओं को प्रभावी ढंग सेपूरा िकया है,जबकि इंजन में न्यूनतम बदलाव िकए हैं. यह सब सुिनश्िचत करता हैिक यह अपनेभरोसेमंद इंजन प्लेटफार्मों केभरोसेअपनेग्राहकों को बेहतर TCO िवतिरत करता है. कंपनी का अपने ग्राहकों को कुशल, स्वच्छ,सुरक्षित , सुलभ और एक किफायती मूल्य प्रस्ताव प्रदान करना है। अशोक लेलैंड इस नई तकनीक का परीक्षण कर रहा है और सफलतापूर्वक 50 लाख किलोमीटर से ज़्यादा दूरी तय कर चुका है।
टिप्पणियाँ