बिहार में नशा मुक्ति,बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में 16443 किमी लंबी मानव शृंखला
पटना -नशा मुक्ति के समर्थन के साथ-साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा मिटाने के लिए पूरे बिहार में 16443 किमी लंबी मानव शृंखला बनायीं जाएगी। पूरे राज्य में सवा चार करोड़ से अधिक लोग मानव शृंखला बनायेंगे। राजधानी पटना के गांधी मैदान में मानव श्रृंखला का मुख्य आयोजन किया जायेगा.जल-जीवन-हरियाली और शराबबंदी के पक्ष में और दहेजप्रथा व बाल विवाह के खिलाफ एक बार फिर से बिहारी एकजुट होंगे. गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत .गांव से लेकर शहर तक हर एक किलोमीटर पर एक वीडियोग्राफर को तैनात किया गया है.,पूरे बिहार में 16 हजार किमी से अधिक लंबाई की मानव शृंखला बनेगी. इसमें बच्चे, शिक्षक, महिलाएं सहित हर तबके के लोग शामिल होंगे।
मानव श्रृंखला को लेकर राज्य प्रशासन की ओर से सभी जिलों की तैयारियों का जायजा लिया गया. पुलिस मुख्यालय ने भी सभी जिलों में पुलिस को शृंखला बनने से समाप्त होने तक की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहने को कहा है. मानव श्रृंखला के सफल आयोजन के लिए नोडल शिक्षा विभाग ने सभी विभागों को इसमें शामिल होने का निर्देश दिया है. इसके चलते रविवार को सभी सरकारी दफ्तर खोले गये हैं।
दहेज उन्मूलन, शराबबंदी व जल-जीवन हरियाली के समर्थन में बनने वाली मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए सदर अस्पताल में चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों व एएनएम के छात्राओं द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर पदाधिकारी इस मौके पर मौजूद है मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए घर-घर से हाथ उठ रहे हैं. सामुहिक सहभागिता से मानव श्रृंखला का निर्माण सफल होगा। इसमें सभी लोगों को बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।
अटूट मानव श्रृंखला का निर्माण करने तथा अधिकाधिक संख्या में लोगों को शामिल होने का संदेश दिया. उन्होने समाज के सभी वर्ग जाति धर्म संप्रदाय एवं आम जनमानस से पर्यावरण संरक्षण तथा सामाजिक सरोकार के विषय पर आहूत राज्यव्यापी मानव श्रृंखला में हिस्सा लेने तथा दूसरे लोगों को भी शामिल हो समेत सभी एएनएम-जीएएनएम, स्टाफ व एएनएम स्कूल की सभी छात्राएं शामिल कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर की रक्षा के पर्यावरण की लिए जल जीवन हरियाली अभियान चलाया गया है. सभी लोगो को इस अभियान से जोड़ने के लिए तथा जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए मानव श्रृँखला बनायी जा रही है ताकि लोग अपनी धरोहर को बचाएं ताकि आने वाली पीढ़ी सुख में जीवन व्यतीत कर सकें।
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