धीरज रखने से जिंदगी में निखार आ जाएगा
संत कुमार गोस्वामी
परमात्मा उसे ही आखिरी में और अधिक से अधिक देते हैं, जो विश्वास और धीरज बनाए रखते हैं ! एक बार एक राज्य के राजा ने सोचा आज मैं अपने नगरजनो को दान करूंगा! सब को ये संदेश मिल सब दौरे चले आए, सब को कतार में खड़े रहने को कहा गया, सब के अंदर लालच थी सब से ज़्यादा पाने किl फिर राजा ने सब को दान दिया और तभी राजा कि नज़र दूर खड़े एक व्यक्ति पर गई! राजा ने उसे भूलाकर पूछा तुम्हे नही चाहिए कुछ?? तब व्यक्ति बोला जो मेरे नसीब में हैं वो तो कुछ भी करके आएगा ही आएगा फिर क्यों मैं लालचवश उछल-कूद करूंl राजा उस व्यक्ति कि श्रद्धा, धीरज देख प्रसन्न हुए और कहा आज से तुम मेरे सेवादारी बनकर दरबार में मेरी सेवा करोगेl
सीख - उस व्यक्ति ने "धीरज और विश्वास" बनाए रखा फिर उसे चाहे आखिरी में मिल पर सब से अधिक, चार गुना ज़्यादा मिला! जिसको जो भी मिला वो तो थोड़े समय रहते शायद समाप्त हो जाएगा परंतु उस व्यक्ति को जो मिला उससे उसका जीवन ही सुधर गया! कैसे..??
1-वो पुरा समय राज दरबार में रहेगा, 2-राजा कि सेवा करने पर उसे वहाँ से धन भी मिलेगा, 3-राजा का सेवादारी होने पर उसका नाम भी राजा के साथ जोड़ा जाएगा, 4-उसे सुख-शांति, नाम सब मिलाl
इस तरह जब हम हर एक अवस्था में, पर परिस्थिती में परमात्मा पर विश्वास रखते हुए, धीरज से सही समय कि प्रतिक्षा करते है, तो परमात्मा हमें हमारी सोच से भी ज़्यादा देते हैं! हम थोड़ी सी भी तकलीफ आने पर, थोड़ा संघर्ष करने पर विश्वास तोड़ देते है,इसी कारण हम तक आया हुआ फल भी चला जाता हैl अतः धीरज का फल मिठा ही होता है, बस उसके आने तक विश्वास कि डोर को पकड़कर रखें l
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