भारतीय भाषाओं की नई पौध को सींचती हिंदुस्तानी भाषा अकादमी
नयी दिल्ली - इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सहयोग से हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के विशाल प्रांगण में दिल्ली प्रदेश के भारतीय भाषाओं के मेधावी छात्रों एवं उनके भाषा शिक्षकों के सम्मान में 'मेधावी छात्र एवं शिक्षक सम्मान समारोह' का आयोजन सम्पन्न हुआ। समारोह में दिल्ली प्रदेश के 115 विद्यालयों के 3500 छात्र, 350 भाषा शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों, साहित्यकारों, विद्वत जनों एवं पत्रकारों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव,डॉ.सच्चिदानंद जोशी उपस्थित थे। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हँसराज कॉलेज की प्राचार्या प्रो.रमा शर्मा ने समारोह की अध्यक्षता की। विशिष्ट अतिथि के रूप में अकादमी, दिल्ली के सचिव डॉ.जीतराम भट्ट, फिजी दूतावास के परामर्शदाता नीलेश रोनिल कुमार तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष सुधाकर पाठक मंचासीन थे ।
अपने स्वागत उद्बोधन में सुधाकर पाठक ने विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि भाषिक विविधता और भाईचारा ही भारतीय संस्कृति की मूलभूत विशेषता है। निज भाषा के प्रति जिम्मेदारी का बोध होना ही हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है। भारतीय भाषाओं के इन्हीं नवांकुरों को संरक्षित करने के उद्देश्य से अकादमी प्रत्येक वर्ष इस तरह का आयोजन करती है जो भाषाओं की नींव को और भी मजबूत करता है। दिल्ली में तीसरी बार इस तरह का आयोजन सम्पन्न किया जा रहा है और इसके सकारात्मक और सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
मंचासीन अतिथियों द्वारा 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में हिन्दी एवं संस्कृत विषय में शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 49 मेधावी छात्रों को 'भाषा रत्न सम्मान' से विभूषित किया गया, शेष छात्रों को जिन्होंने भारतीय भाषाओं (हिन्दी, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, उर्दू, गुजराती आदि) में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये थे उन्हें 'भाषा दूत सम्मान' से सम्मानित किया गया।
सर्वाधिक प्रविष्टियाँ भेजने पर कुलाची हँसराज मॉडल स्कूल, अशोक विहार, दिल्ली को 'भाषा प्रहरी सम्मान' से सम्मानित किया गया। अपने-अपने विद्यालयों की वर्दी में आए हुए छात्रों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा और गरिमा में चार चाँद लगा दिया। इस अवसर पर अकादमी द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका 'हिन्दुस्तानी भाषा भारती' एवं अकादमी की अब तक की यात्रा को समेटे 'यात्रा अनवरत...' पुस्तिका का लोकार्पण भी किया गया।
केंद्रीय हिंदी निदेशालय, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शवदावली आयोग और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के पुस्तकों कर स्टाल सबके आकर्षण के केंद्र रहे। केंद्रीय हिंदी निदेशालय की ओर से लगभग 2000 पुस्तकों का निशुल्क वितरण भी किया गया।
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