स्वास्थ्य,पोषण,शिक्षा और विकास में दान दें और अनाथ बच्चों के जीवन में बदलाव करें

नयी दिल्ली : सेक्शन-25 के तहत सभी लाइसेंस प्राप्त गैर-लाभकारी संगठन मिरेकल फाउंडेशन इंडिया ने बाल आश्रमों में रहने वाले अनाथ और संवेदनशील बच्चों को स्वास्थ्य, पोषण और समग्र भलाई के लिए आवश्यक मदद के लिए अपनी पहल की घोषणा की है। इस पहल के माध्यम से संगठन का लक्ष्य अधिक से अधिक बच्चों को पर्याप्त भोजन और सही शैक्षणिक संसाधन प्रदान करने के लिए धन जुटाना, उनकी प्रगति और विकास के लिए आवश्यक गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना है। दानदाता टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत कर में छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसलिए, इस पहल के दो लाभ हैं: दानदाता न केवल बच्चों को पौष्टिक भोजन और शिक्षा के लिए आवश्यक समर्थन दे रहे हैं - बल्कि टैक्स लाभ के जरिये खुद की भी मदद कर रहे हैं।



मिरेकल फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2000 में कैरोलीन बॉड्रिक्स ने की थी, जिन्होंने भारत यात्रा के दौरान बाल आश्रमों का दौरा किया था। अब अपने 20वें वर्ष में संगठन ने भारत के 300 से अधिक बाल आश्रमों के साथ मिलकर काम किया है, जिससे 15,000 से अधिक अनाथ और संवेदनशील बच्चों की जीवन-रक्षा हो रही है। अपनी स्थापना के बाद से संगठन ने बाल आश्रमों की परिस्थितियां सुधारने और बच्चों की देखभाल के मानकों को ऊपर उठाने की दिशा में अथक प्रयास किए हैं, जिससे बच्चे अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने सक्षम हो सके। जनवरी 2018 से एनजीओ बच्चों को संस्थानों से बाहर निकालने और उन्हें अपने जन्म देने वाले परिवारों से या वैकल्पिक परिवार-आधारित देखभाल से फिर जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद के तौर पर किया है।


हालांकि, जब वे बदलाव का इंतजार कर रहे हैं, संगठन उन्हें स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति के जरिये समर्थन सुनिश्चित करता है। गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकलने के लिए शिक्षा एक शक्तिशाली साधन है, जिससे बच्चों को अपनी पूरी क्षमता का अहसास होता है और उन्हें वयस्क होने पर रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में 69% मौतों का कारण कुपोषण है। इस तरह के चौंकाने वाले आंकड़े तस्वीर का सिर्फ एक पहलू दर्शाते हैं, जहां प्रेमपूर्ण पारिवारिक वातावरण और अच्छी शिक्षा के अलावा, इन बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।


इस साल मिरेकल फाउंडेशन इंडिया का उद्देश्य एक वर्ष में 100 बच्चों के लिए पोषण, शिक्षा और समग्र विकास को समर्थन देने के लिए धन जुटाना है। अपने पोषण कार्यक्रम से संगठन सुनिश्चित करता है कि सभी बच्चों को रोज चार बार संतुलित भोजन दिया जाएं, जिसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, प्रोटीन और दूध शामिल रहे; साथ में शाम को एक बार नाश्ता शामिल है। इस देखभाल के तहत बच्चों की शिक्षा के लिए बनाए गए व्यवस्थित ढांचे के माध्यम से अकादमिक विषयों के अलावा, मिरेकल फाउंडेशन इंडिया लाइफ स्किल्स एजुकेशन, लीडरशिप ट्रेनिंग पर फोकस करता है। यह एप्टीट्यूड टेस्ट और करियर काउंसलिंग की भी सुविधा देता है, और यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक बच्चा अपने कौशल को निखार सके और सही मायने में दुनिया का प्रोडक्टिव सिटीजन बन सके।


अपने हिस्से के तौर पर दानदाताओं के लिए कम से कम 111 रुपए का दान कर सकते हैं, जो एक दिन एक बच्चे की देखभाल पर खर्च होंगे। 3329 रुपए की दानराशि से पूरे महीने के लिए एक बच्चे की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, जबकि 39946 रुपए का दान एक वर्ष के लिए एक बच्चे की देखभाल कर सकता है। ऐसे में छोटी राशि का दान कर भी एक दानदाता इस उद्देश्य में योगदान करने और सैकड़ों बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद कर सकता है। 


मिरेकल फाउंडेशन इंडिया की इंडिया कंट्री हेड निवेदिता दास गुप्ता ने इस पहल पर बात करते हुए कहा, “हर बच्चा प्यार और सुरक्षित पारिवारिक वातावरण का हकदार है, हालांकि लाखों बच्चे ऐसे हैं जिन्हें यह नहीं मिल पाता। मिरेकल फाउंडेशन में हम यह सुनिश्चित करते हुए हर बच्चे को इस तरह का माहौल देने पर काम करते हैं कि जब वे सीसीआई की देखरेख में रह रहे हो तो उनके संपूर्ण स्वास्थ्य, कल्याण और शिक्षा का ध्यान रखा जाए। हम उनकी प्रगति और विकास में सहायता के लिए सही पोषण सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपाय करते हैं। यहां हमारे दानदाताओं से प्राप्त होने वाली राशि से हम इतने बड़े पैमाने पर उपलब्धि हासिल करने में मदद मिलती है - प्रत्येक बच्चे को स्वस्थ, खुशहाल और सफल जीवन जीने के लिए सशक्त बनाना।”


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