हिंदुस्तान करेगा डॉ बी.आर आम्बेडकर को नमन &TV पर
नई दिल्ली : हर साल, 14 अप्रैल ‘आम्बेडकर जयंती’ को भारतीय इतिहास के बेहद अद्भुत लीडर्स में से एक की जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने क्रांति का बिगुल फूंका और ‘डॉ. बी.आर.आम्बेडकर की आवाज के साथ मजबूत हुई। सम्मान से उन्हें ‘बाबासाहेब’, कहा जाता है, उनका जीवन और उनकी बातें कई लोगों के लिये प्रेरणा है। इस आम्बेडकर जयंती पर, ‘बाबासाहेब और एकीकृत भारत की उनकी सोच को विशेष रूप से नमन करने के लिये &TV ने एक पहल शुरू की है, ‘एक देश एक आवाज़’। इस पहल के रूप में चैनल सभी लोगों से एक साथ मिलकर ‘आम्बेडकर जयंती’ मनाने की गुजारिश करता है। इस पहल के हिस्से के तौर पर, चैनल ने 14 अप्रैल को रात 8 बजे, सिर्फ &TV पर भीम वंदना करने और बाबासाहेब को खास श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों से साथ आने की गुजारिश की है।
भारतीय संविधान के निर्माता माने जाने वाले, डॉ. बी.आर. आम्बेडकर एक अद्भुत लीडर थे और उनकी सीख अतुलनीय थी। उनका मानना था कि भारत में ‘एक देश एक संविधान’ के माध्यम से ही राष्ट्रीय एकता और अखंडता कायम की जा सकती है। टेलीविजन कलाकारों ने इस महान व्यक्ति के बारे क्या कहा, जिन्होंने एक संविधान के जरिये देश को एकीकृत करने के लिये देश की रूपरेखा तैयार की। प्रसाद जवाद्रे कहते हैं, ‘‘डॉ. बी.आर आम्बेडकर ने लाखों भारतीयों को एक राष्ट्र और एक संविधान की छत के नीचे एकीकृत भारत की नींव डाली। उनकी सीख और सिद्धांत आज भी देशभर में भारतीयों में मौजूद है! 14 अप्रैल को हम बाबासाहेब की जयंती के रूप में मनाते हैं, मैं सबसे यह विनती करूंगा कि उन्हें खास श्रद्धांजलि देने के लिये साथ आयें, रात 8 बजे &TV पर।’’
नेहा जोशी का कहना है,‘‘बाबासाहेब एक दूरदर्शी लीडर थे। आज हमारा देश जिस तरह से तरक्की कर रहा है, उसका काफी श्रेय उन्हें जाता है। उन्होंने ना केवल लोगों को एकजुट किया, बल्कि अत्याचार के सभी रूपों के खिलाफ मिलकर कदम उठाने के लिये प्रेरित किया। ‘आम्बेडकर जयंती’ के अवसर पर आइये हम सब एक साथ मिलकर बाबासाहेब को नमन करें, रात 8 बजे, 14 अप्रैल को &TV पर।’’ जगन्नाथ निवानगुने कहते हैं,, ‘‘डॉ. आम्बेडकर सही मायने में एक अद्भुत लीडर थे। उनके कार्यों ने कई भारतीयों के जीवन को प्रभावित किया है। ‘आम्बेडकर जयंती’ के मौके पर मैं सबसे विनती करना चाहूंगा कि बाबासाहेब को विशेष रूप से श्रद्धांजलि देने के लिये हमारे साथ रात 8 बजे, &TV पर शामिल हों।’’
स्नेहा वाघ कहती हैं, ‘‘बाबासाहेब कई लोगों के लिये प्रेरणा स्रोत हैं। चुनौती देने और लोगों को क्रांति के लिये एकजुट करने की उनकी क्षमता ने भारतीय धरती के लिये लोकतंत्र को पुनःपरिभाषित किया। इन्हीं वजहों से वह अपने दौर के सबसे महान लीडर्स में से बने। आइये, सब साथ मिलकर आम्बेडकर जयंती पर 14 अप्रैल को डॉ. बी.आर.आम्बेडकर को, रात 8 बजे, &TV पर खास श्रद्धांजलि दें।’’ रोहिताश्व गौड़ का कहना है, ‘‘डॉ. बी.आर आम्बेडकर एक दूरदर्शी लीडर थे। उनका एकमात्र सपना था विभिन्न सामाजिक तथा आर्थिक सुधारों के माध्यम से देश को एकजुट करना। बेशक, भारत के लिखित संविधान के माध्यम से। आम्बेडकर जयंती के मौके पर, मैं सभी नागरिकों से गुजारिश करना चाहूंगा कि 14 अप्रैल को रात 8 बजे, &TV पर इस बेहतरीन लीडर और सामाजिक सुधारक- डॉ. बी.आर आम्बेडकर को खास तौर पर श्रद्धांजलि अर्पित करें।’’
आसिफ शेख का कहना है, ‘‘मैं बचपन से ही डॉ. बी.आर. आम्बेडकर की कहानियां पढ़ता आया हूं। समानता को लेकर उनके संघर्ष ने मुझ पर बहुत ही गहरा प्रभाव डाला है। डॉ. आम्बेडकर आधुनिक भारत में समानता और भाईचारे के सबसे बड़े हितैशियों में से एक रहे हैं। बाबासाहेब की जयंती के अवसर पर, मैं अपने सभी फैन्स तथा दर्शकों से गुजारिश करना चाहूंगा कि रात 8 बजे &TV पर हमारे साथ बाबासाहेब को खास श्रद्धांजलि देने के लिये शामिल हों। यह देश के लिये उनके ढेर सारे योगदान के लिये है।’’ ग्रेसी सिंह कहती हैं, ‘‘बाबासाहेब भारतीय इतिहास में सबसे दमदार आवाजों में से एक थे। चाहे समानता पर विश्वास की बात हो, महिला सशक्तिकरण की या फिर शिक्षा सुधार में उनकी भागीदारी की; उन्होंने हर भारतीय के जीवन को प्रभावित किया है। चूंकि हम सम्मान के रूप में बाबासाहेब को खास श्रद्धांजलि दे रहे हैं &TV पर रात 8 बजे, मैं अपने सभी फैन्स से कहना चाहूंगी कि आइये मेरे साथ इस पहल में शामिल होकर ‘आम्बेडकर जयंती’ मनायें।’’
योगेश त्रिपाठी कहते हैं, ‘‘ डॉ. आम्बेडकर ने हमारे उस समाज की परिकल्पना की जोकि आजादी, समानता और भाईचारे पर आधारित है। ऐसे सामाजिक और आर्थिक सुधार के लिये काफी दूरदर्शी सोच और विश्वास की जरूरत होती है, जोकि कई लोगों की जिंदगी को बदल दे। बाबासाहेब की तरह ही कुछ अन्य लीडर्स देश को एकजुट कर सकते हैं। आइये हम सब एक साथ मिलकर ‘आम्बेडकर जयंती’ के मौके पर इस महान लीडर को रात 8 बजे नमन करें।
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