इतिहास लिख रहा है वर्तमान


साहित्यकार / कवि अशोक लव 


●अवतरित हुआ  है मानवपिपासु
बजा रहा है विश्व के कोने-कोने में 
शोक संगीत,
सोते जा रहे हैं चिरनिद्रा में 
हज़ारों-हज़ार मानव !


●युद्ध जारी है
संघर्षरत है मानवता
आशान्वित है मानवता 
अंत होगा मानव से मानव को 
संक्रमित करने वाले दानव का 
विजयी होगी मानवता !


●आते रहे हैं धरती पर 
तारकासुर, महिषासुर, बकासुर, रक्तबीज, रावण 
और न जाने कितने-कितने मायावी,
करते रहे हैं संहार मानवता का 
उन्होंने भी सुला दिया था 
असंख्य मानवों को चिरनिद्रा में
और इतिहास साक्षी है 
हो गया था अंत उनका भी एक दिन !


●वर्तमान भी रच रहा है इतिहास 
संघर्षरत है वर्तमान
मनावपिपासु कितना ही क्रूर है 
रूप बदल-बदलकर डस रहा है 
कर रहा है संहार 
अंत इसका भी सुनिश्चित है 
विजयी होगा मानव 
विजयी होगी मानवता 
अवश्यम्भावी ! अवश्यम्भावी !!●


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