यूनियन बैंक भारत का पांचवां सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बना
तीनों संस्थाओं के ग्राहक अब यूनियन बैंक्स के व्यापक नेटवर्क और निर्बाध सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। प्रभावी बुनियादी सेवाएं जैसे कि नकद निकासी और जमा, बैलेंस पूछताछ और फंड ट्रांसफर संयुक्त नेटवर्क में इंटरऑपरेबल हो जाएगा। यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के ग्राहकों को एक-दूसरे के एटीएम पर नगद निकासी पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
नयी दिल्ली : यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भूतपूर्व आंध्रा बैंक और भूतपूर्व कॉर्पोरेशन बैंक अब एक बैंक बन गए हैं। एक साथ आने से उम्मीद है कि वे अपनी समृद्ध व्यक्तिगत विरासतों का दोहन करेंगे और एक गतिशील साझा भविष्य बनाएंगे। आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के सभी कर्मचारी, ग्राहक और शाखाएं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया परिवार का हिस्सा बन जाएंगे।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया अब हमारे 9500+ शाखाओं और 13500+ एटीएम में 120 मिलियन से अधिक ग्राहकों को उत्पादों और सेवाओं की विस्तृत शृंखला प्रदान करता है। संयुक्त रूप से वे भारत के चौथे सबसे बड़े बैंकिंग नेटवर्क और भारत के पांचवें सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बन गए हैं। उम्मीद है कि इस समामेलन से अगले तीन वर्षों में 2,500 करोड़ रुपए में लागत और राजस्व तालमेल उत्पन्न होगा। इस क्षेत्र में बाजार में पर्याप्त हिस्सेदारी के साथ यह समामेलन दक्षिण भारत में बैंक के पदचिह्नों को मजबूत करेगा।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एमडी और सीईओ राजकिरण राय जी ने समामेलन को लेकर अपनी अंतर्दृष्टि साझा करते हुए कहा, “मुझे पिछले कई महीनों में संपूर्ण समामेलन परिवार में किए गए प्रयासों पर बहुत गर्व है, जिन्होंने हमें न्यूनतम व्यवधान के साथ ग्राहकों को पहले से अधिक सेवाएं प्रदान करने की नींव रखी है। अब हम अपने ग्राहकों को शाखाओं, एटीएम, डिजिटल सेवाओं और क्रेडिट सुविधाओं तक व्यापक पहुंच प्रदान करते हैं और एक बैंक के रूप में अधिक मजबूत स्थिति में हैं।” व्यवधान को कम करने के लिए, खाता संख्या, आईएफएससी कोड, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट/मोबाइल बैंकिंग पोर्टल और लॉगिन क्रेडेंशियल समान रहेंगे।
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