अल्पसंख्यक वर्ग के लोग सभी लोगों के साथ इस लड़ाई में बराबर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं

नयी दिल्ली - देश भर से आये सभी धर्मों के 4500 से अधिक जायरीनों को लॉकडाउन के दौरान रहने, खाने-पीने और उनके स्वास्थ्य की संपूर्ण सुविधा दी गयी। यह सभी व्यवस्था दरगाह कमिटी, दरगाह के खादिमों एवं सज्जादानशीं द्वारा की गई। इस कार्य हेतु लगभग 1 करोड़ रूपए दरगाह कमिटी एवं कमिटी की अन्य संस्थाओं द्वारा खर्च किये गए जिनमें लोगों को उनके राज्यों में वापस भेजने की व्यवस्था भी शामिल थी।



देश भर में 16 हज हाउस को क्वारंटाइन एवं आईसोलेशन  सुविधा हेतु विभिन्न राज्य सरकारों को दिया गया है, जिसका राज्य सरकारें आवश्यकता के अनुसार इस्तेमाल कर रही हैं। अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी द्वारा 1 करोड़ 40 लाख रूपए "पीएम केयर्स" में सहयोग किया गया है एवं एएमयू मेडिकल कॉलेज में 100 बेड की व्यवस्था कोरोना मरीजों के उपचार के लिए की गई है। साथ ही एएमयू ने कोरोना टेस्ट की व्यवस्था भी की है, अब तक 9000 से ज्यादा टेस्ट किये जा चुके हैं। अजमेर शरीफ दरगाह के अंतरगर्त ख्वाजा मॉडल स्कूल एवं कायड़ विश्राम स्थली को देश के विभिन्न भागों के कोरोना प्रभावित लोगों के क्वारंटाइन एवं आईसोलेशन के लिए दिया गया।


केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि मंत्रालय के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित 1500 से ज्यादा स्वास्थ्य सहायक, कोरोना से प्रभावित लोगों की सेहत-सलामती की सेवा में लगे हैं। इन प्रशिक्षित स्वास्थ्य सहायकों में 50 प्रतिशत लड़कियां हैं जो कि देश के विभिन्न अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना मरीजों की सेवा में मदद  कर रहे हैं। इस वर्ष 2000 से ज्यादा अन्य स्वास्थ्य सहायकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 1 वर्ष की अवधि का यह प्रशिक्षण विभिन स्वास्थ्य संगठनों, संस्थाओं, जाने-माने अस्पतालों द्वारा कराया जा रहा है।देश के विभिन्न वक्फ बोर्डों द्वारा विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं के सहयोग से 51 करोड़ रूपए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कोरोना राहत फंड हेतु सहयोग किया गया है। साथ ही जरूरतमदों के लिए बड़ी तादाद में राहत एवं खाद्य सामग्री का वितरण विभिन्न वक्फ बोर्डों द्वारा किया जा रहा है।


नकवी ने बताया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा सीखो और कमाओ कौशल विकास कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में फेस मास्क का निर्माण भी कराया गया है जिन्हें आम लोगों को दिया जा रहा है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, कोरोना से सुरक्षा के दिशा-निर्देशों के प्रति जागरूकता हेतु सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए देश के विभिन्न भागों में "जान भी, जहान भी" नाम से जागरूकता अभियान शुरू करेगा। 


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