अर्थव्यवस्था के फिर खुलने की उम्मीदों के बीच सोने की कीमतों में गिरावट

नयी दिल्ली - दुनिया भर के देशों की मुख्य चिंता यह है कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए लॉकडाउन के उपायों को कैसे शिथिल किया जाए। महामारी की दूसरी लहर पर चिंता और तनाव अब भी कायम है। प्रथमेश माल्या, चीफ एनालिस्ट, नॉन-एग्री कमोडिटीज और करेंसी, एंजिल ब्रोकिंग लिमिटेड


सोना


पिछले सप्ताह सोने की कीमतों में करीब 0.2 प्रतिशत की गिरावट ही है और इसकी वजह संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों की ओर से आक्रामक इंफ्यूजन प्लान और नीतियों की घोषणा है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में लॉकडाउन के उपायों को हटाने के कारण बाजार की भावनाओं को सपोर्ट  मिला, जिससे पीली धातु की कीमतों में कमी आई। ग्लोबल इक्विटी और क्रूड ऑयल की कीमतों में वृद्धि ने निवेशकों के बीच जोखिम लेने की भूख बढ़ा दी है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव और नए और शक्तिशाली वैक्सीन बनाने की दौड़ ने बाजार की भावनाओं पर असर डाला और कीमतों में गिरावट को सीमित कर दिया।


चांदी


पिछले सप्ताह स्पॉट सिल्वर की कीमतें 0.15 प्रतिशत बढ़कर 17.2 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई। एमसीएक्स पर कीमतें 1.17 प्रतिशत बढ़कर 48,257 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं।


क्रूड ऑयल


पिछले हफ्ते डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतों में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई क्योंकि विभिन्न स्थानों पर आर्थिक गतिविधियों को फिर शुरू किया गया है। गिरती मांग का सामना करने के लिए ओपेक और सऊदी अरब ने आक्रामक उत्पादन कटौती की घोषणा की जिससे कीमतें बढ़ी हैं। जारी रिपोर्टों में कहा गया है कि ओपेक अधिक समय तक उत्पादन में कटौती कर सकता है और इससे तेल की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, एनर्जी इंफर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने 5 मिलियन बैरल की महत्वपूर्ण कमी का उल्लेख किया। हालांकि, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में व्यापारिक तनाव और हवाई व सड़क यातायात पर प्रतिबंधों ने लाभ को सीमित किया है।


बुनियादी मेटल्स


पिछले हफ्ते लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर बेस मेटल्स की कीमतें पॉजीटिव में खत्म हुई। चीन में आयोजित सरकारी बैठक इन्फ्रास्ट्रक्चरल खर्च को बढ़ाने के निर्णय के साथ समाप्त हुई, जिसने औद्योगिक धातुओं की मांग को बढ़ाया। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) और अन्य केंद्रीय बैंकों द्वारा घोषित प्रोत्साहन योजनाओं ने बाजार की चिंताओं को कम किया है और कीमतों को बढ़ाया है। फिलीपींस ने खनन पर लगाए गए महामारी संबंधी प्रतिबंधों के बीच 2020 के क्यू1 में निकल अयस्क उत्पादन में 27% की गिरावट दर्ज की। हालांकि, पेरू और भारत के जस्ता खानों में लॉकडाउन में कुछ ढील ने ओवरसप्लाई की चिंता बढ़ाई और जिंक की कीमत को सीमित कर दिया।


कॉपर


पिछले हफ्ते लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) कॉपर की कीमतों में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो चीनी अर्थव्यवस्था से मांग में वृद्धि की उम्मीद की वजह से हुई। हालांकि, अमेरिका ने चीन की ओर अंगुलियां उठाकर उसे मंदी जैसी स्थिति और महामारी के लिए दोषी ठहराया है। इन आरोपों का भी बाजार की भावनाओं पर असर पड़ा है।


यह देखा जाना बाकी है कि देश महामारी की दूसरी लहर का सामना किस तरह करते हैं और व्यापक बेरोजगारी के संकट का सामना कैसे करते हैं। सामान्य स्थिति में वापसी की झलक दुनियाभर में देखी जा रही है, और उम्मीद है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था जल्द ही रिकवरी करेगी।


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