माँ (हाइकू)

 




डॉ.शेख अब्दुल वहाब ,


हिंदी एसोसिएट प्रोफेसर, तमिलनाडु


माँ
दुलारती है  
दुत्कारती कभी न
माता है वह । 1 l 


जग में माता
ईर्ष्या न द्वेष मन 
ममतामयी । 2 l

स्वयं भूखी है


भरे पेट संतान


दूजा न, माँ l 3 l 


बेटी जो बढ़े
मन सरोज खिले
मात्र माता ही । 4 l

बेटी का ब्याह 
चली वह ससुराल
मां मन दुखी । 5 l

बेटा पढे जो
पद उसका बढ़े 
मां मन फूले । 6 l 


कोई आंके न 


त्याग - ममता मूल्य 


माँ अनमोल l 7 l  
 


बच्चों को नींद


रतजगे स्वयं ही


           माँ सी माँ होती l 8 l
माँ देती ज्ञान


चलती पाठशाला


पहली गुरु l 9 l


पेड़ की छाँव


झेलती धूप जेठ


माँ ठंडक है l 10 l


 


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