ऑन लाइन ग़ज़लों की महफ़िल 

नयी दिल्ली - ग़ज़लों की महफ़िल (दिल्ली) के तत्वाधान में ऑनलाइन मुशायरे का आयोजन डॉ अमर पंकज ( दिल्ली विश्वविद्यालय)की देख - रेख मे हुआ। यह महफ़िल का पहला आडॅयो मुशायरा* था  । इस मुशायरे का आनंद लेने के लिये विभिन्न राज्यों के शायर/ शायरा इस महफिल में शामिल हुए । सभी ग़ज़लकारों ने अपनी अपनी  ग़ज़ल की आॅडियो क्लिपिंग व टाइप की हुई टैक्स्ट और अपनी फोटो पोस्ट की। साथ ही सभी ने अपनी-अपनी ग़ज़ल पोस्ट करने के साथ दूसरे शायरों की ग़ज़लों को सुना और उनकी हौसला-अफ़जाई की।




इस शाम को एक यादगार शाम बनाते हुए महफ़िल के इस प्रथम आॅडियो मुशायरे को बड़ी कामयाबी हासिल हुई  । इस आन लाइन मुशायरे की अध्यक्षता राजेश कुमारी ने की,और मुशायरे के विशिष्ट अतिथि के रूप में हेमंत कुमार 'दिल'* उपास्थित रहे। मुशायरे के संरक्षक की भूमिका में शरद तैलंग मौजूद रहे।




इस ऑनलाइन आडियो- मुशायरे में शिरक़त करने वाले जो शोरा हज़रात मौजूद थे उनके नाम इस तरह से हैं शरद तैलंग, कोटा। राजेश कुमारी राज, मुंबई। एच के शर्मा 'दिल' दिल्ली। पंकज त्यागी 'असीम ' रुड़की। विजयलक्ष्मी विजया, नई दिल्ली। अजय त्रिपाठी 'वाक़िफ़', बर्मिंघम, यूके। जगमोहन राय, नई दिल्ली।।सुषमा भंडारी , नई दिल्ली। अनिल शर्मा 'चिंतित' चंडीगढ़। सुमित सिंह 'कासिद', नई दिल्ली।यास्मीन खान, मेरठ। डी एम मिश्र, सुल्तानपुर। दिव्या जैन, नई दिल्ली। सरफ़राज़ हसन 'फ़राज़', मुरादाबाद। बृजमोहन श्रीवास्तव साथी, ग्वालियर। पंकज कुमार सोनी, बस्ती, उप्र। कौशिक मिश्र, नई दिल्ली। रेणु त्रिवेदी मिश्रा,राँची, झारखंड। अनीता मिश्रा सिद्धि, दिल्ली। बिनोद सिन्हा, नई दिल्ली तथा अमर पंकज, दिल्ली से उपस्थित रहे। 




इस आनलाइन मुशायरे का सफल संचालन पंकज त्यागी और विजयलक्ष्मी विजया ने मिलकर किया। ऐसा कार्यक्रम भविष्य में फिर से आयोजित किया जाये इस बात की सभी ने कामना की। 

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