रेड क्रॉस की तरह हमारा ध्येय मानवतावादी गतिविधियों को प्रेरित करने वाला होना चाहिए - डॉ.हर्ष वर्धन
आईआरसीएस की स्थापना एक स्वैच्छिक मानवतावादी संगठन के रूप में 1920 में हुई थी। आज देश भर में 1,100 से अधिक शाखाओं के नेटवर्क के साथ यह आपदाओं/आपातकाल स्थितियों के समय राहत उपलब्ध कराता है, साथ ही निर्बल लोगों एवं समुदायों के स्वास्थ्य की देखभाल को बढ़ावा भी देता है। यह विश्व में सबसे बड़ा स्वतंत्र मानवतावादी संगठन, इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसाइटी और रेड क्रेसेंट आंदोलन का अग्रिम सदस्य है। इंडियन रेड क्रॉस का मिशन हर वक्त, सभी प्रकार की मानवतावादी गतिविधियों को प्रेरित, प्रोत्साहित एवं आरंभ करना है जिससे कि मानव कष्टों को न्यूनतम बनाया जा सके एवं यहां तक कि रोका जा सके और इस प्रकार शांति के लिए अधिक अनुकूल माहौल के सृजन में योगदान दिया जा सके।
नयी दिल्ली - केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने ‘विश्व रेड क्रॉस दिवस‘ के अवसर पर इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के शताब्दी समारोहों में भाग लिया। डॉ. हर्ष वर्धन ने विश्व रेड क्रॉस दिवस के संस्थापक हेनरी डुरंट की वक्ष प्रतिमा को माला पहनाई और इस अवसर को चिन्हित करने के लिए पीपीई, मास्क, वेट पाइप्स, बॉडी बैग्स आदि से निर्मित्त राहत सामग्रियों को ले जाने वाले वाहन को झंडी दिखाई।
संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘ इंडियन रेड क्रास सोसाइटी के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसने न केवल अस्तित्व के 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं बल्कि अपनी प्रतिष्ठा एवं प्रतिबद्धता को बनाये रखते हुए चिकित्सा एवं मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के ध्येय को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा, ‘यह सराहनीय है कि आईआरसीएस किसी से भी आदेश के लिए प्रतीक्षा नहीं करता बल्कि स्वतः प्रेरित कार्रवाई करता है और किसी भी आपदा या मानवीय संकट में जिसमें तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है, राहत कार्य उपलब्ध कराता है।’
उन्होंने कहा, ‘आईआरसीएस चलंत वाहन आदि के जरिये चलंत रक्त संग्रह, पिक अप एवं ड्रॉप सुविधा प्रदान करने के द्वारा मानवता की मूलभूत सेवा कर रहा है और इस कठिन समय में मरणासन्न बीमार रोगियों, थैलेसैमिक्स एवं अन्य रक्त विकारों से ग्रस्त मरीजों को रक्त उपलब्ध कराने के द्वारा अन्य स्वयंसेवी संगठनों के लिए एक मानदंड स्थापित कर रहा है।’ उन्होंने देश में किसी भी आकस्मिकता की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त रक्त भंडार बनाये रखने के लिए स्वयंसेवी संगठनों, एनजीओ तथा बड़ी संख्या में आम लोगों को स्वैच्छिक रक्त दान को बढ़ावा देने के लिए सामने आने की अपील की। उन्होंने लोगों से कहा कि वे साल में कम से कम एक बार, अपने जन्म दिन या शादी की सालगिरह पर रक्त दान करने की अपील की जिससे कि वे उस अवसर को न केवल अपने लिए बल्कि जिन्हें रक्त की आवश्यकता है, उनके लिए भी विशेष बनायें।
उन्होंने आईआरसीएस से आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए आगे आने की अपील की कि लोग रोगियों एवं डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आदि को कलंकित न करें और अधिक उत्साह से कार्य करने के लिए सकारात्मक वातावरण को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा, ‘मैं इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी बिरादरी का बहुत मान करता हूं कि उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में भी काफी योगदान दिया है जहां उन्होंने भारत में कई अस्पतालों को इक्विपमेंट, सैनिटाइजर, फूड, पीपीई किट एवं एन95 मास्क आदि उपलब्ध कराया है।’
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, ‘रेड क्रॉस की ही तरह हमारा ध्येय सभी प्रकार की मानवतावादी गतिविधियों को प्रेरित, प्रोत्साहित एवं आरंभ करना होना चाहिए जिससे कि आने वाले समय में हर वक्त मानव कष्टों को न्यूनतम बनाया जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘ इस स्थिति ने हमें अच्छी चीजें भी दी हैं। यह एक नए युग एवं विश्व व्यवस्था का उदय है। हम व्यक्तिगत स्वच्छता को उस प्रकार बढ़ावा दे रहे हैं जैसे पहले कभी नहीं दिया, वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये बैठकों में भाग ले रहे हैं तथा लागत बचाने के लिए अन्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर रहे हैं जबकि अपने परिवार की पूरी तरह देखभाल कर रहे हैं। इसने एक स्वच्छ और साफ वातावरण, पृथ्वी, जल और वायु के मूल्य को रेखांकित किया है, प्रकृति ने दुनिया भर में ग्रह का भार ग्रहण कर लिया है जैसा आज से पहले कभी नहीं हुआ था।’
जिन्होंने समारोह में भाग लिया। इंटरनेशनल फेडेरेशन ऑफ रेड क्रॉस (आईएफआरसी) के कंट्री क्लस्टर कार्यालय के कार्यवाहक प्रमुख उदय रेग्मी, आईआरसीएस के क्षेत्रीय शिष्टमंडल के प्रमुख याहिया अलीबी, आईआरसीएस के महासचिव आर के जैन एवं आईआरसीएस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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