संकट के समय हमनें देश को कभी विखंडित होते नहीं देखा
विजय सिंह बिष्ट
किसी भी संकट के समय हमने देश की अखंडता को कभी विखंडित होते नहीं देखा है। भारत की स्वतंत्रता की प्राप्ति में देश के वीर जवानों ने अपना सर्वस्व वलिदान कर दिया था। भारत की वीर नारियों ने भी बढ़ चढ़ भाग लिया। इतिहास इसकी पुष्टि करता है। भारत पाकिस्तान ,चीन बंगला देश के युद्ध में सारा देश एक जुट होकर ही जीत पाया था। देश पर जब भी संकट के बादल छाए हैं हर भारतीय ने तन मन और धन से अपना सहयोग दिया है और बढ़-चढ़ कर दिया है। उस समय न राजनीति की उठा पटक होती थी नहीं आलोचना। आज की तरह तर्क और कुतर्क भी नहीं सुनने में नहीं आते थे। सब भारतीय थे न हिन्दू थे नहीं मुसलमान,देश धर्मो पर भी नहीं बंटा था।
आज कल की तरह इतने पढ़ें लिखे नहीं थे। फिर प्रसारण के लिए मात्र अखबार थे जो सप्ताहिक हुआ करते थे, और बहुत कम लोग ग्रामीण क्षेत्रों में मंगाते थे। उसके बाद रेडियो का जमाना आया , लेकिन वह भी सीमित लोगों के पास होता था।सेलौ और बैटरी से चलने के कारण उनमें भी व्यवधान आता रहता था।लोग चौपाल में बैठकर चर्चा करते थे। विज्ञान के चमत्कार का दौर आया तो ब्लैक एंड ह्वाइट टीवी का चलन आरंभ हुआ।उस समय टीवी भी संभ्रांत और धनिक वर्ग तक ही थी,लोग देखने के लिए दरवाजे दरवाजे जाया करते थे। फिर रंगीन टेलीविजन आया और लगभग अधिकांश लोगों घरों में लग गए। उस समय भी लोग केवल मात्र रामायण और महाभारत तथा चित्रहार के लिए टेलीविजन देखते थे।इतने चैनल भी नहीं थे, क्रिकेट के मैच में अधिकांश हिंदुस्तान और पाकिस्तान के मैचों की धूम होती थी। समाचार के अलावा आज कल की तरह इतने चैनल नहीं थे नहीं आज की तरह आर पार ,भैया जी कहिन , प्राइम टाइम और पार्टियों के प्रवक्ताओं की चीख पुकार,इन सबका आज के समाज पर जहां अच्छा प्रभाव पड़ता है वहीं समाज को बांटने, हिंदू मुसलमान और धर्म को बांटने का काम हो रहा है।
इसका मुख्य उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभांश ही कहा जा सकता है। संकट के इस महाविनाशक काल में जहां सबको मिलकर चलना है वहां भी प्रदेशों के संक्रमण , कर्मचारियों की अदला-बदली पर भी राजनीति शोभा नहीं देती। केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल जन जीवन को बचाने में सहायक सिद्ध होगा। हर प्रकार सहयोग की भावना से ही देश को इस अज्ञान्त शत्रु से बचाया जा सकता है। इसके साथ यह भी आवश्यक है कि गलत प्रकार के अफवाहों ,ह्वाटस अप मैसेज पर भ्रांति न फैलाई जांय। देश और उसकी धरोहर को बनाए रखना हम सब का दायित्व है।
आशा है लोग बचाव के सम्पूर्ण निर्देशों का पालन करते हुए जीवन बचाने और जीवन देने में अपना योगदान देकर देश बचा पाने में समर्थ होंगे।
कोरोना भगाना है
देश बचाना है
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