‘खुशी’- ए हेल्पिंग हैंड द्वारा ‘आमार बंगला आबर सोबुज होक’अभियान के तहत एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
कोलकाता. महानगर कोलकाता की एक गैर-लाभकारी स्वैच्छिक संस्था ‘खुशी’ - ए हेल्पिंग हैंड संस्था द्वारा सामुदायिक वृक्षारोपन की पहल – ‘आमार बंगला आबार सोबुज होक’ (हमारा बंगाल फिर से हरा-भरा हो) अभियान को पर्यावरण दिवस के मौके पर हरी झंडी दिखाई गई। इस योजना के तहत पूरे बंगाल के विभिन्न कोने में अगले छह महीनों एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें कोलकाता व इसके आस-पास के जिलों में पांच जगहों पर वृक्षारोपण की शुरूआत की गयी।
अगले छह महीनों में इस अभियान के तहत विभिन्न संस्था के स्वयंसेवकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्कूली छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, प्रख्यात नागरिकों और सामुदायिक समूहों को साथ लेकर इस लक्ष्य को पूरा करने की शुरुआत की गयी है। शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर संस्था द्वारा एक हजार से अधिक पौधे वितरित किए गए। कोलकाता के अलावा शांतिनिकेतन, सोनारपुर और अन्य स्थानों में ‘खुशी- ए हेल्पिंग हैंड’ की तरफ से कई स्थानों पर पेड़ पौधे लगाए गए। पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान अम्फान के कारण चारो तरफ काफी हरियाली को क्षति पहुंची है। इस तूफान ने सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं ओडिशा में भी हजारों की तादाद में हरे-भरे पेड़ों के समूह को नष्ट कर दिया है।
इस संस्था के संस्थापक अमिताभ सामंता ने कहा: इस हरियाली के नुकसान होने से एक बड़े पैमाने पर प्रदूषण, पर्यावरण और सांस लेने के लिए उपयुक्त हवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा, कोलकाता एवं इसके आसपास मौजूद जिलों में इस पहल की शुरूआत की गई। यह धरती मां की ममता, हरियाली एवं प्रकृति की सुंदरता को फिर से सामान्य करने की दिशा में एक छोटा सा कदम है। हम इस परियोजना में छोटे-छोटे बच्चों को भी शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे वे बच्चे बचपन से हीं पेड़-पौधे से मिलनेवाली हरियाली व इसके फायदे के बारे में अवगत होकर इसे संभालने को लेकर उत्साहित रहे। अपने आसपास कम से कम एक पौधा लगाना उनके लिए पहला कदम होगा, लेकिन इन पौधों के बड़े होने के लिए इसकी देखरेख करने इसे बढ़ने में सहायता और पोषण करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होगी। हम समाज के विभिन्न क्षेत्रों में हर जाति, धर्म एवं समुदाय के लोगों को ‘आमार बंगला आबार सोबुज होक’ संकल्प में शामिल होने के लिए आवेदन कर इसके लिए उन्हें आमंत्रण दे रहे हैं।
लॉकडाउन के समय पिछले दो महीने से ‘खुशी’ - ए हेल्पिंग हैंड की तरफ से लगभग 5000 गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों में भोजन और अनाज वितरित किया जा रहा है, जिससे इस संकट की घड़ी में कोई भी व्यक्ति अनाज के अभाव में भूखा ना सोये।
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