मसाई स्कूल ने शुरू किया भारत का पहला एंड्राइड डेवलपर बूटकैंप

नयी दिल्ली : भारत के पहले मिलिट्री स्टाइल कोडिंग स्कूल मसाई स्कूल ने भारत के पहले एंड्राइड डेवलपर बूटकैंप की शुरूआत किये जाने की घोषणा की। एंड्राइड डेवलपमेंट में करियर बनाने के लिए इच्छुकों को शुरूआती बढ़त देना इस छह महीनों के प्रोग्राम का प्राथमिक उद्देश्य है। सभी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के आवेदकों के लिए यह प्रोग्राम खुला है, और इसके लिए तकनीक पर आधारित शिक्षा या काम के अनुभव की कोई शर्त नहीं है। सिलेक्शन राउंड के बाद इस इन्कम शेयरिंग एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करके छात्र इस प्रोग्राम के लिए नामांकन कर सकते हैं।  इन्कम शेयरिंग एग्रीमेंट छात्रों को नौकरी मिलने के बाद प्रोग्राम फी का भुगतान करने की अनुमति देता है।



6 महीने के एंड्रॉइड डेवलपर प्रोग्राम की रचना करते हुए कौशल विकास पर ध्यान दिया गया है ताकि छात्रों को एंड्राइड में अधिक गहरा ज्ञान प्राप्त करने के पहले कोडिंग और जावा के मुलभुत ज्ञान को मजबूत करने में मदद मिलेगी।  इस प्रोग्राम में सभी क्लासेस को लाइव सेशंस के रूप में चलाया जाएगा जिसमें छात्रों में समस्या निवारण तकनीक के विकास के लिए वास्तविक असाइनमेंट्स भी दिए जाएंगे।  इसमें 1000 से घंटे कोडिंग, 100 से ज्यादा घंटे लॉजिक और प्रॉब्लम सॉल्विंग, 100 से ज्यादा घंटे सॉफ्ट स्किल्स, 10 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स और 2 हैकथॉन्स शामिल हैं।  साथ ही इस प्रोग्राम में 2 डेमो दिन, 5 मॉक इंटरव्यूज और 24 गेस्ट लेक्चर्स भी होंगे जिसमें उद्यम क्षेत्र से अग्रणी मान्यवरों को बुलाया जाएगा।


हाल ही में उद्यम क्षेत्र से प्राप्त की गयी जानकारी से पता चलता है कि एंड्राइड डेवलपर की नौकरियों से मांग काफी बढ़ रही है और मोबाईल पूल में उनकी कुल मात्रा 72% है। एंड्राइड डेवलपर बूटकैंप की शुरूआत के अवसर पर मसाई स्कूल के सह-संस्थापक और सीईओ श्री. प्रतीक शुक्ला ने कहा, "आज के दौर में स्मार्टफोन्स ने डिजिटाइजेशन की परिभाषा को बदल दिया है और वैश्विक महामारी के बाद हमने देखा है कि डिजिटल सुविधाएं और मोबाईल ऐप्स ने कई क्षेत्रों को अपना कारोबार और कामकाज जारी रखने में मदद की है। आज कई व्यवसाय सबसे अच्छे एंड्राइड डेवेलपर्स को नियुक्त करने के लिए उत्सुक हैं, जिससे इस क्षेत्र में गुणवान लोगों की मांग तेजी से बढ़ रही है। हमारे एंड्राइड डेवलपर प्रोग्राम को उद्यमों की जरूरतों को मद्देनजर रखते हुए बनाया गया है और इसमें परिणामों पर आधारित दृष्टिकोण का पालन किया जाता है जो कोडिंग और एंड्राइड में मजबूत नींव का निर्माण करने पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रोग्राम को पूरा करने के बाद हमारे छात्रों के पास ऐसे कौशल और प्रतिभाएं होंगी जिनसे वे उद्यमों की मांगें पूरी कर पाएंगे, इससे नौकरियों के लिए सक्षम उम्मीदवार तैयार किए जाएंगे।"   


प्रोग्राम को पूरा करने के बाद छात्रों के पास वे सभी कौशल होंगे जो कोटलिन या जावा का उपयोग करके किसी भी प्रकार के एंड्राइड एप्लीकेशन को स्वतंत्र रूप से विकसित करने और उसे गूगल प्ले स्टोर पर प्रकाशित करने के लिए आवश्यक होते हैं। इस तरह से वे इस उद्यम में नौकरियों के लिए पूरी तरह से सक्षम होंगे।  मसाई स्कूल से इन छात्रों को प्लेसमेंट अवसर प्रदान किए जाएंगे साथ ही नौकरी के लिए इंटरव्यू की तैयारी भी करवाई जाएगी जो इस प्रोग्राम के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा भी है। 


पिछले एक साल में, मसाई स्कूल ने छात्रों के 6 बैचेस ने सॉफ्टवेयर डेवलपर्स के रूप में अपना करियर बनाने के सपने को पूरा किया है। बेंगलुरु में दो और पटना में एक ऐसे उनके कुल तीन कैम्पसेस हैं, मसाई के 55% से ज्यादा छात्र कंप्यूटर सायंस के अलावा अन्य क्षेत्रों से हैं और करीबन 70% शहरों और कस्बों से और 60% छात्र समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में से हैं।


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