कोरोना के बाद कैसा होगा सौंदर्य कारोबार :शहनाज़ हुसैन
शहनाज़ हुसैन
सलून्स और सौंदर्य में देश के एक करोड़ लोग शामिल हैं जिनमें से दो तिहाई सिर्फ महिलाएं हैं। इनके रोजगार और कामधंधे अब तक ख़तरे में पड़े थे। सलून्स को फिर से खोलने से जुड़े आग्रह को लेक र सौंदर्य बाजार के कारोबारी गृह मंत्रालय से मिल भी चुके हैं। सलून्स इंटरनेशनल के अनुसार, “हालांकि आनलाइन कारोबार में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हाइ एंड स्किन और हेयर केअर प्रॉडक्टस, परफ्यूम्स, कलर कॉस्मेटिक्स कोविड-19 के बावजूद भी बढ़ रहे हैं।”
हालांकि दुनिया भर के ब्यूटी ब्रैंडस ने भविष्य में ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले प्रॉडक्टस की मांग को भांपते हुए हैंड सेनेटाइजर्स, हैंड वाश और इससे जुड़े प्रॉडक्टस भी बनाने शुरू कर दिए। जैसे कि हमने भी हैंड सेनेटाइजर्स व हैंड वाश से लेकर हैंड क्रीम, गैजेटस स्प्रे, सरफेस स्प्रे, फ्लोर और टॉयलेट क्लींजर्स जैसे कीटाणुनाशक हर्बल प्रॉडक्टस की पूरी रेंज बाजार में उतार दी। ग्राहक को भी बाजार में नामी आर्गेनिक और अच्छे प्रॉडक्टस का इंतजार था।
कोरोना महामारी से पहले सौंदर्य का बाजार ख़ासा फल-फूल रहा था। पिछले दो दशकों से ब्यूटी प्रसाधनों से जुड़ा व्यवसाय न सिर्फ बढ़ता दिखाई दे रहा था, बल्कि उसमें नए-नए मौके खुलते जा रहे थे। भारतीय लोग सौंदर्य पर पहले से कहीं ज़्य ादा खर्च करना शुरू कर चुके थे। अगर अनुमान लगाया जाए तो अगले 5 सालों में इस कारोबार को दोगुना हो जाना चाहिए था।
हालांकि आज हालात कुछ और हैं।
कोविड-19 और लॉकडाउन इस तरक्की में रूकावट बनके खड़े हो गए हैं। उन दिनों सौंदर्य जगत उन कुछेक बाजारों में से हुआ करता था जो हर मंदी को मात देकर फिर से उठ खड़ा होता था। लेकिन लॉकडाउन और कोविड-19 ने सौंदर्य बाजार को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। सलून्स बंद पड़े हैं। सौंदर्य अभी फिलहाल लोगों की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं रहा। हाल ही में खुले सलून्स में भी कोई बहुत बड़ा उत्साह नहीं देखने को मिल रहा है। मैकिंसे की एक रिपोर्ट के अनुसार, “कंजयूमर कैटेगरी में ब्यूटी भले ही दूसरे सेक्टर से ज़्य ादा मजबूत रहे, लेकिन 2020 एक बुरा साल साबित होने वाला है।” द इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट कहती है, “कोविड से पहले ब्यूटी इंडस्टंी 18.6ः की रेट से बढ़ रही थी जो कि अंतरराष्टंीय सीएजीआर के बताए रेट 15ः से कहीं अधिक है।”
बदलाव अब बाजार में भी दिखाई देने लगे हैं। कई चीजों की आपूर्ति अब रूकने लगी है। लिप्स्टिक का चलन अभी फिलहाल खत्म होता दिख रहा है। फेस फाउंडेशन में अब लोगों की कोई रूचि नहीं रह गई। आधा चेहरा अब मास्क से जो ढका जाने लगा है। कुछ की नौकरियां जा रही हैं तो कुछेक के वेतनों में कटौती की जा रही है। यही वजह है कि ग्राहक का रूझान अभी सौंदर्य प्रसाधनों से हटा है। हालांकि हमें ये भी मालूम है इसकी मांग को धीरेकृधीरे बढ़ना है। ये सिर्फ आपको सुंदर दिखाता ही नहीं, बल्कि सुंदर महसूस भी कराता है। लिप्स्टिक के बारे में कहा जाता है कि ये सिर्फ आपकी सुंदरता ही नहीं, आपके मूड में भी निखार लाता है। जल्द ही बाजार में आरकृपार दिखने वाला मास्क भी आने की उम्मीद है ताकि होंठों पर लगी लिप्स्टिक दिखाई दे। यानी जल्द ही लिप्स्टिक की सेल भी बढ़ेगी।
एक पहलु ये भी सामने आ रहा है कि ग्राहक अब रिटेल शॉप्स के बजाए आनलाइन पोर्टल्स की तरफ जाता दिखाई दे रहा है। दुनिया भर में पहले के मुकाबले कोविडकृ19 के बाद आनलाइन सेल्स दोगुनी हो जाने की आशा की जा रही है। एक्स्पर्ट ये भी मानते हैं कि ब्रिकी में 20ः से 30ः तक का उछाल आ सकता है। सोशल डिस्टेंसिंग के चलते लोग घर से बाहर निकलने के इच्छुक कतई नहीं हैं और डिजिटल दुनिया में टाइम बिता रहे हैं। इतना ही नहीं त्वचा के प्रोफाइल के मुताबिक आप अपने लिए प्रॉडक्ट चुन सकते हैं। हम जैसे कस्टमाइजड ब्यूटी केयर कारोबारियों के लिए ये रूझान सही भी है। बल्कि अगर हम कॉन्टेंट मार्केटिंग, हमारी वेबसाइट और सोशल मीडिया व रोज के आनलाइन कॉलम्स के जरिए ग्राहकों तक पहुंच बना सकते हैं।
बात अगर सलून्स कारोबार की करें तो हम देख सकते हैं कि एक कंटंोल्ड माहौल में ठोस एतिहातों के साथ धीरे-धीरे ये खुलने भी लगे हैं और रफ्तार भी पकड़ने लगे हैं।
काम करने और ग्राहकों से जुड़ने के नए तरीके इजाद होने लगे हैं। साफ-सफाई से अब कोई समझौता नहीं करता। सलून्स पार्लर अब दिन में दो से तीन बार सेनेटाइज किए जाते हैं। कोविड-19 को लेकर जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता है। महिला कर्मचारियों को नए सिरे से प्रशिक्षित किया जा रहा है, हुनरमंद बनाया जा रहा है। अब चूंकि सलून्स खुल चुके हैं इसलिए नौकरियों के रास्ते भी खुलते दिख रहे हैं। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि सौंदर्य जगत फिर से उठ खड़ा होगा। रफ्तार पकड़ेगा। सौंदर्य फैशन में फिर से लौटेगा।
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