टिकटॉक बैन होने के बाद से ट्रेल 12 मिलियन बार डाउनलोड किया गया
नई दिल्ली : जैसा कि भारत सरकार लोकप्रिय चीनी ऐप टिकटॉक को 58 अन्य ऐप्स के साथ बैन कर दिया है, भारतीय कंटेंट क्रिएटर अपने देसी ऐप ट्रेल में पहुंच गए हैं, जो अपने प्लेटफॉर्म पर इसी तरह के शॉर्ट-वीडियो मेकिंग फीचर देता है। जब से भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का प्रचार करने का फ़ैसला लिया है, तब से यह लाइफ़स्टाइल कम्यूनिटी कॉमर्स प्लेटफार्म केवल 5 दिनों में 12 मिलियन डाउनलोड करके सभी रिकॉर्ड तोड़ रहा है। फ्री लाइफस्टाइल ऐप्स में #1 पर ट्रेंड करते हुए, प्लेटफॉर्म में एक ही दिन में 220K नए कंटेंट क्रिएटर्स जुड़े और 500K नए कंटेंट अपलोड किए गए
ट्रेल भारत के वीडियो पिन्ट्रेस्ट के रूप में जाना जाता है। यह यूज़र्स को स्वास्थ्य और फिटनेस, सौंदर्य और स्किनकेयर, यात्रा, फिल्म समीक्षा, खाना पकाने, घर की सजावट और कई अन्य श्रेणियों में अपने अनुभव, सिफारिशों और समीक्षाएं साझा करने की सुविधा देता है। यह लाइफस्टाइल व्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म यूज़र्स को अपनी मूल भाषा में 3-5 मिनट के वीडियो बनाने की अनुमति देता है, जिसमें एक 'शॉप' फ़ीचर भी है जिससे यूज़र्र व्लॉग में प्रदर्शित उत्पादों को खरीद भी सकते हैं। इसके अलावा, प्लेटफ़ॉर्म यूज़र्स को अपने इंटरफेस के ज़रिये पुरस्कार, उपहार और छुट्टियां कमाने की सुविधा भी देता है।
इस बढ़ती संख्या पर बात करते हुए, ट्रेल के सह-संस्थापक, पुलकित अग्रवाल ने कहा, “हम भारत सरकार को धन्यवाद देते है, जिन्होंने वोकलफॉरलोकल की अपनी दूरदर्शिता को आगे ले जाते हुए, इस तरह के साहसिक कदम उठाए और भारतीय प्लेटफार्मों के लिए अवसरों के क्षेत्र खोलें। इस तरह के अवसरों के साथ, भारतीय इंटरनेट स्टार्टअप तेजी से विकसित हो सकता है और लंबे समय में उपभोक्ताओं को भी बेहतरीन अनुभव दे सकता है, जिसमें पहले स्थापित कंपनियों का कब्ज़ा था। वे भारतीय बाजार में उन्नत तकनीक/एल्गोरिदम, अनुभवी प्रबंधन टीम और बहुत भारी पूंजी निवेश के साथ आने के आदी हैं, जिस वजह से भारतीय स्टार्टअप के लिए इनका सामना करना मुश्किल हो जाता है। हमने कुछ कंपनियों को भारतीय डिजिटल उत्पाद की पिक्सेल-बाय-पिक्सेल नकल करते हुए देखा है ताकि उनके अस्तित्व को भी चुनौती दी जा सके। देश के सबसे बड़े लाइफस्टाइल सोशल ऐप्लिकेशन के रूप में, हम यह सुनिश्चित करते रहेंगे कि हमारे यूज़र्स की गोपनीयता और डेटा सुरक्षित रहे और हमारे राष्ट्र की सीमाओं के भीतर बने रहें।”
2017 में अपनी स्थापना के बाद से, ट्रेल देश भर में अपनी मातृभाषा में बात करने वाले उपभोक्ताओं की लाइफ़स्टाइल कंटेंट की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके 60% से अधिक यूज़र्स टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं। ट्रेल ने हाल ही में अपने प्लेटफार्म में तीन नई भाषाएं जोड़ी है; मराठी, कन्नड़ और बंगाली, यानि अब यह कुल 8 भाषाओं (इसके अलावा, हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मलयालम) में उपलब्ध है।
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