25 अगस्त : बी.पी. मंडल जयन्ती- बहुजन एकजुटता और सामाजिक न्याय के संकल्प का दिन
लखनऊ . बहुजन नायकों की विरासत और बहुजनों की सामाजिक-राजनीतिक दावेदारी को बुलंद करने के आह्वान के साथ 'हमारे नायक-हमारी विरासत, हमारा एजेंडा-हमारी दावेदारी' अभियान जारी है.
यह अभियान रिहाई मंच और सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) द्वारा चलाया जा रहा है. अभियान 19 अगस्त को महामना रामस्वरूप वर्मा परिनिर्वाण दिवस से शुरु हुआ है. श्री नारायण गुरु परिनिर्वाण दिवस-20सितंबर तक चलेगा. इस बीच 25 अगस्त को बी.पी. मंडल जयंती, 28 अगस्त को अय्यंकाली जयंती, 1 सितंबर को पेरियार ललई सिंह यादव जयंती, 5 सितंबर को जगदेव प्रसाद कुशवाहा शहादत दिवस,14 सितंबर को चौधरी महाराज सिंह भारती परिनिर्वाण दिवस, 17 सितंबर को ई.वी. रामासामी पेरियार जयन्ती, 18 सितंबर को शिवदयाल सिंह चौरसिया परिनिर्वाण दिवस, 20 सितंबर को श्री नारायण गुरु परिनिर्वाण दिवस है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और दूसरे पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रहे बी.पी. मंडल के जन्म दिवस 25 अगस्त को रिहाई मंच और सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) बहुजन एकजुटता और सामाजिक न्याय की लड़ाई तेज करने के संकल्प दिवस के बतौर मनाएगा. मंडल कमीशन ने ही ओबीसी के लिए सामाजिक न्याय का रास्ता खोलने का काम किया. इसी कमीशन की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार की नौकरियों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला. एक अन्य सिफारिश के आधार पर केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में दाखिले में भी ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. इस आयोग की 40 सिफारिशों में 2 को छोड़कर शेष अभी तक लागू नहीं किया गया है. एक तो 54 प्रतिशत आबादी को केवल 27 प्रतिशत आरक्षण मिला.
उसमें भी आरक्षण लागू करने में बेईमानी व गड़बड़ी लगातार जारी है.2015 तक ओबीसी केन्द्र सरकार की क्लास-A की नौकरियों में 12 प्रतिशत, क्लास-B में 12.5 प्रतिशत और क्लास-C में 19 प्रतिशत हैं. लेकिन ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने के बजाए नरेन्द्र मोदी सरकार ने सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया है. शुरु में ही क्रीमी लेयर के असंवैधानिक प्रवधान के साथ ओबीसी आरक्षण लागू किया गया और अब केन्द्र सरकार क्रीमी लेयर को पुनर्परिभाषित करने के जरिए ओबीसी आरक्षण को खत्म कर देने की साजिश कर रही है. दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी सरकार रेलवे सहित तमाम सरकारी उपक्रमों को पूंजीपतियों के हवाले कर रही है. निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू नहीं है. निजीकरण अंततः आरक्षण व सामाजिक न्याय के खिलाफ जाता है. बहुजनों की वंचना को बढ़ाता है.
आज के दौर में बी.पी.मंडल को सच्ची श्रद्धांजलि सामाजिक न्याय पर जारी हमले के खिलाफ मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू कराने, सामाजिक-आर्थिक बराबरी और बहुजनों की सभी क्षेत्रों में जनसंख्या अनुपात में हिस्सेदारी की लड़ाई को तेज करने के संकल्प के साथ ही की जा सकती है. रिहाई मंच और सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) बहुजन एकजुटता और सामाजिक न्याय की लड़ाई तेज करने के संकल्प के दिवस के बतौर मनाते हुए निम्नलिखित नारों-मांगों को प्रमुखता से बुलंद करेगा-
सामाजिक न्याय, नहीं आधा-अधूरा! लेकर रहेंगे, पूरा-पूरा! मंडल कमीशन की तमाम सिफारिशों को लागू करो! क्रीमी लेयर को पुनर्परिभाषित करने के जरिए ओबीसी आरक्षण पर हमला बंद करो! क्रीमी लेयर का असंवैधानिक प्रावधान खत्म करो! बुलंद करो, दावेदारी! लड़कर लो, हिस्सेदारी! आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की तय सीमा खत्म करो! ओबीसी को आबादी के अनुपात में 54% आरक्षण दो! आरक्षण संवैधानिक हक है,बमौलिक अधिकार है! ओबीसी आरक्षण को लागू करने में बेईमानी व गड़बड़ी पर रोक लगाओ! निजीकरण आरक्षण व सामाजिक न्याय के खिलाफ है! बहुजन विरोधी निजीकरण पर रोक लगाओ! निजी क्षेत्र में भी आरक्षण दो! ओबीसी की गिनती क्यों नहीं? 2021 में जनगणना के साथ जाति जनगणना की गारंटी करो!
दोनों संगठनों की ओर से राजीव यादव और गौतम कुमार प्रीतम ने बहुजन समाज से व्यापक भागीदारी करते हुए उपर्युक्त नारों-मुद्दों के पक्ष में फेसबुक, ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखने, घरों से भी प्रतिवाद करते हुए व नारों-मुद्दों के पोस्टर के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करने, सोशल मीडिया पर मुद्दों के पक्ष में पोस्टर प्रसारित करने और वीडियो बनाकर या लाइव आकर अपनी बात रखने का आह्वान किया है.
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