स्वास्थ्य के लिए घर में बना खाना बन रहा है सब की पसंद
नयी दिल्ली : भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून अब स्थिर हो चूका है। बारिश में अपने शरीर की प्रतिरक्षा को मजबूत करने के लिए ग्राहकों ने मसालों और भारतीय खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ाया है। नीलसन के हाल ही के एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान माहमारी से लड़ने के लिए निवारक उपाय के रूप में सुरक्षा, स्वास्थ्य और शरीर की प्रतिरक्षा पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के घरेलु नुख्सों में हल्दी का उपयोग पुराने समय से किया जा रहा है, इन दिनों कई लोगों ने हल्दी दूध या काढ़े बनाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल बढ़ाया है। हल्दी और दूसरे मसालों के साथ-साथ काली मिर्च, अदरक, लहसुन, तुलसी, पुदीना आदि को भी एंटीसेप्टिक, जीवाणुरोधी गुणों के लिए पहचाना जाता है, यह पदार्थ मानसून के दौरान बिमारियों को दूर रखने में मदद करते हैं, उनकी मांग भी काफी बढ़ चुकी है।
जिन भारतीय मसालों की मांग बढ़ रही है उनमें हल्दी की मांग में खास तेजी देखी गयी है, पिछले कुछ महीनों में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर इसकी मांग में 40% वृद्धि हुई है। नीलसन रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि अगले छह महीनों तक अधिकांश ग्राहक सुरक्षा और प्रतिरक्षा बढ़ाने की आदतों को जारी रखेंगे।
मानसून के दौरान प्रतिरक्षा को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ाने की प्रवृत्ति के बारे में टाटा संपन्न की न्यूट्रिशन एक्स्पर्ट सुश्री कविता देवगण ने बताया, "भारतीय तरीके के पोषण में आहार में पौष्टिक शक्ति से भरपूर खाद्य पदार्थों को इस तरह से एकीकृत किया जाता है ताकि न केवल प्रतिरक्षा में सुधार होने में मदद होती है बल्कि सर्वगुण संपन्न स्वास्थ्य भी पाया जा सकता है। घर में पकाया जाने वाला सादा भोजन स्वास्थ्य की सुरक्षा में सबसे आगे रहता है, साथ ही शरीर के व्यापक कल्याण और पोषण में सहायक होता है। हालांकि आज लोग अपनी प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं यह बहुत ही अच्छी बात है, लेकिन सही खाद्य पदार्थ चुनना भी महत्वपूर्ण है ताकि मानसून के साथ आने वाली बिमारियों को दूर रखा जा सकें।
उदहारण के तौर पर, हल्दी, जो सेलम से लायी जाती है, इसमें प्राकृतिक तेल बचाकर रखा जाता है। शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत रखने के लिए आवश्यक करक्यूमिन इस हल्दी में 3% होता है, यह हल्दी सर्वगुण संपन्न स्वास्थ्य प्रदान करती है। इसी तरह से जिनसे पोषक तत्त्वों को निकाला गया है ऐसी प्रोसेस्ड दालों का इस्तेमाल करने के बजाय ब्रांडेड अनपॉलिश्ड दालों का उपयोग कीजिए क्योंकि ये प्रोटीन से भरपूर होती हैं और हर दिन दो बार ये दाल जरूर खाएं। ये छोटे, सरल लेकिन सजग उपाय आपके स्वास्थ्य के लिए यक़ीनन उपयुक्त हो सकते हैं।"
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