गृहवाटिका गृहणी का गहना है जो समय असमय उसकी मदद करता है 



विजय सिंह बिष्ट

देहरादून - श्रीमती कुसुम लता रावत देहरादून सेलाकुई  उत्तराखंड की निवासी हैं। इनके घर के पास अपनी कोई डेढ़ सौ गज जमीन है जिसमें फल के आम अमरूद के पेड़ हैं तो बाकि के हिस्से में वह मौसमी सब्जियां ,अदरक, लहसुन ,प्याज, गोभी,बैंगन, मिर्च के साथ मक्का का भी उत्पादन करती हैं देहरादून  की उपजाऊ मिट्टी में कोई भी फसल गुणवत्ता में अपना विशेष स्थान रखती हैं।

यहां गोबर सरलता से कम दामों में उपलब्ध हो जाता है। इसके अलावा ये लोग जैविक खाद को स्वयं भी तैयार करते हैं। क्यारियों की सुरक्षा के लिए आंगन को छोड़कर दीवार बनी हुई है उसमें फूलों के गमले भी घर की शोभा बढ़ा देते हैं। वातावरण की शुद्धता एवं दैनिक उपयोग में आने वाली साग भाजी का मिलना शायद ही दूसरे शहरों में अपने हाथों से कोई प्राप्त कर सकता हो।


कुसुमलता का एक छ :सात बिस्वा दूसरा प्लाट भी है।  इस वर्ष उसमें मक्ई मंडुवा और फ्रास वीन बोये थे, मौसम ने साथ दिया हर फसल उसे अच्छे गुणकारी लाभ देने लगे। उनको स्वास्थ्य लाभ,समय का सदुपयोग एवं आंशिक धन-लाभ भी  होता है। गृहवाटिका एक सफल गृहणी का गहना है जो समय असमय उसकी मदद करता है। सीख किसी से भी ली जानी चाहिए  परिश्रम के फल मीठे होते हैं


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