मां दुर्गा पर बनी लघु फिल्म ‘दशभुजा'

फिल्म में मां दुर्गा के 10 रूपों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला कलाकार का नाम अनन्या चटर्जी हैं। इसके अलावा ब्रतति बंद्योपाध्याय, देवलीना कुमार, जया सील घोष, जून मलया, कोनीनिका बनर्जी, डॉ. नंदिनी भौमिक, प्रीति पटेल, पौलोमी दास, सौरासेनी मैत्रा और सौमिली बिस्वास ने अपनी एक्टिंग से कई दर्शकों को प्रभावित किया। इस फिल्म में राममणि मंडल का भी परिचय है। श्री भूतोरिया ने कहा कि उन्हें उम्मीद ही नहीं पूरा भरोसा भी है कि यह फिल्म राज्य के विभिन्न प्रांतों के अलावा देश-विदेश में रहनेवाले भारतीयों के दिलों में बस जायेगा। 



 कोलकाता: मानिकतला चलताबगान लोहपट्टी दुर्गा पूजा समिति की तरफ से बनी एक लघु फिल्म "दशभुजा" (सशस्त्र दस भुजाओं वाली देवी) जिसमें मां दुर्गा द्वारा धारण किए गए दस अस्त्र शस्त्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है। फिल्म एवं कला जगत की सुप्रसिद्ध हस्तियों ने इस फिल्म में अपनी कला को प्रस्तुत कर इसमें अपनी कलाकारी का अद्भुद नजारा पेश किया है। फिल्म में मां के प्रत्येक हाथ में मौजूद रहनेवाले अस्त्र-शस्त्र और सभी अस्त्रों का आध्यात्मिक अर्थ और इसके पीछे छिपे संदेश को दर्शकों के सामने पेश कर उन्हें समझाने की कोशिश की गयी है। महानगर के आईटीसी रॉयल में सोशल डिस्टेंसिंग एवं सभी सरकारी मानदंडों का पालन कर हिंदी एवं बांग्ला भाषाओं में मंगलवार को चतुर्थी के दिन इस फिल्म के प्रीमियर की लांचिंग की गई ।



इस लघु फिल्म के बारे में चिंतन कर इसका निर्माण समाजसेवी संदीप भूतोरिया ने किया है, जो 78 वर्ष पुरानी संस्था मानिकतला चालताबागान लोहापट्टी दुर्गापूजा समिति में पिछले कुछ वर्षों से चेयरमैन का पद संभालने के बाद निरंतर समिति की तरक्की में अपना योगदान दे रहे हैं। समिति द्वारा दुर्गापूजा के आयोजन के दौरान ढाक और सिंदुर खेला के भी काफी प्रसिद्ध हैं। इस फिल्म का निर्देशन अरिंदम सील ने किया है और उस्ताद बिक्रम घोष ने इसमें संगीत दिया है। जबकि ग्रैमी पुरस्कार पानेवाले पद्म भूषण-प्रसिद्धि प्राप्त पंडित विश्वमोहन भट्ट ने फिल्म के एक हिस्से के में राग दुर्गा का धुन दिया है। फिल्म में डॉ. सोनल मानसिंह ने संस्कृत श्लोकों का पाठ किया है। गायिका उषा उथुप, इमॉन चक्रवर्ती और सोमचंदा भट्टाचार्य ने लघु फिल्म में अपनी आवाज दी है, इस फिल्म की कहानी सौगतो गुहा ने लिखी है और इसकी कोरियोग्राफी अर्नब बंदोपाध्याय ने किया है। फिल्म में फोटोग्राफी का निर्देशन अयन सील की देखरेख में संपन्न हुआ है।


इस फिल्म की पूरी शूटिंग साल्टलेक में स्थित ईस्टर्न जोनल कल्चरल सेंटर (ईजेडसीसी) कोलकाता में की गई है। टॉलीवूड अभिनेत्री व सांसद नुसरत जहान और रितुपर्णा सेनगुप्ता ने इसकी पूरी कहानी में अपनी आवाज दी है। डॉ. सोनल मानसिंह ने इस फिल्म के हिंदी संस्करण का अनुवाद किया है।


इस अवसर पर समाजसेवी संदीप भूतोरिया (चेयरमैन, मनिकतला चलतबगान लोहापट्टी दुर्गापूजा समिति) ने कहा: महानगर में चालताबागान का दुर्गापूजा पहली ऐसी पूजा है, जिसमें ढाक उत्सव और सिंदूरखेला के रुप में एक विशेष आयोजन कर इसे एक अलग पहचान दी है। इसमें मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राजनेताओं, टॉलीवूड के नये और पुराने फिल्म कलाकार, उद्योगपति, पुस्तक प्रेमी, के साथ लोक सांस्कृतिक कलाकार भी समय-समय पर शामिल होकर इसकी शोभा बढ़ाये हैं। इस वर्ष कोरोना काल के कारण कमेटी की तरफ से ढाक उत्सव एवं सिंदुर खेला के आयोजन को स्थगित रखने का फैसला लिया गया है। इसलिए इस वर्ष हमने कुछ नया प्रयास करने का फैसला लिया है, जिसके माध्यम से हम देश में अपने साथियों, और अन्य सांस्कृतिक संगठनों के बीच बंगाल के सबसे लोकप्रिय त्योहार के दौरान देवी के हाथों अस्त्र-शस्त्र के सांस्कृतिक और इसकी आध्यात्मिक पहलूओं को प्रदर्शित किया जायेगा। इसका प्रसारण विदेशों में भी किया जायेगा, जिससे वहां रहनेवाले लोगों की भी कई करह की जिज्ञासा पूरी हो सके।


यह फिल्म देवताओं द्वारा मां दुर्गा को दिए 10 हथियारों से सुसज्जित देवी की है, जिनकी 10 भुजाओं‍ एवं उनमें मौजूद हथियारों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनके नाम तलवार, त्रिशूल, सुदर्शन चक्र, वज्र, तीर घनुष और बाण, अग्नि, शंख, कमल, गदा और सर्प है। इस फिल्म की शुरुआत एक महिला “चंडी पाठ” और देवी दुर्गा का प्रतिनिधित्व करने वाली एक छोटी लड़की से होती है। इस फिल्म में मां दुर्गा के 10 अस्त्र 10 महिलाओं द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा है। प्रत्येक महिला एक-एक अस्त्र का प्रतिनिधित्व कर उनका प्रदर्शन कर उनकी विशेषताओं के बारे में बताती है। इसके बीच एक छोटी लड़की "चंडी पाठ" पढ़ती हैं। दस प्रदर्शनों के अंत में एक छोटी लड़की को एक साथ सभी दस अस्त्रों के साथ लोगों‍ के सामने प्रस्तुत किया जाता है। इस तरह इस लघु कथा को वीडियो में हम देवी दुर्गा को अपने हाथों में सभी अस्त्रों के साथ पूर्ण 'दशभुजा' के रूप में देखते हैं। पिछले कुछ वर्षों से मानिकतला चलताबगान लोहापट्टी दुर्गापूजा के विभिन्न अंशों और चरणों के बारे भी इसमें जाकारी दी जायेगे।


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