फ्लेक्सपे 30 करोड़ भारतीयों को बिना क्रेडिट कार्ड्स के क्रेडिट लेन-देन के लिए सक्षम कर सकता है

फ्लेक्सपे भारत में पहली बार 400 मिलियन से अधिक अंडर-सर्व्ड ग्राहकों के साथ-साथ प्राइम ग्राहकों को एक सर्वव्यापी, संपर्क रहित क्रेडिट कार्ड जैसा अनुभव प्रदान करने को तैयार है। यह हर व्यापारी को छोटे किराना स्टोर से लेकर बड़े रिटेल विक्रेताओं तक स्वीकार होगा। यूपीआई 2.0 पर निर्मित फ्लेक्सपे पीयर-टू-पीयर लेनदेन को भी सक्षम करेगा।



नयी दिल्ली : नेशनल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया के सहयोग से हैदराबाद स्थित एनबीएफसी विविफी इंडिया फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने फ्लेक्सपे के तौर पर भारत का पहला पेमेंट ऑप्शन लॉन्च किया है जो यूपीआई पर क्रेडिट प्रदान करता है। फ्लेक्सपे लाखों भारतीयों को उनके बैंक खातों या वर्चुअल वॉलेट्स में पैसा उपलब्ध न होने पर लाइन ऑफ क्रेडिट का उपयोग कर 'स्कैन नाउ एंड पे लेटर' के लिए सक्षम करेगा।


यह ऐसे 300 मिलियन भारतीयों को टारगेट करता है जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है। यह भारत का पहला प्रोडक्ट् है जो किसी भी यूपीआई क्यूआर कोड को स्कैन कर या यूपीआई आईडी पर ट्रांसफर द्वारा ऑफ़लाइन खरीद को सक्षम करेगा - यह लेन-देन का ऐसा मॉडल है जिसे पूरे भारत में स्वीकार किया जा रहा है। फ्लेक्सपे सभी वेतनभोगी और स्वरोजगारी भारतीयों को क्रेडिट की सुविधा प्रदान करेगा ताकि वे किसी भी प्रोडक्ट या सेवा को खरीद सकें, भले ही उनके जेब में पैसे न हों।


विविफी के संस्थापक और सीईओ अनिल पिनापाला ने कहा, "नॉन-प्राइम और कम आय वाले लोन लेने वालों को क्रेडिट मुहैया कराने के लिए उद्देश्य को पूरा करने के लिए फ्लेक्सपे एक कारगर विकल्प है। यह उन लोगों के लिए सुविधाजनक है जो आम तौर पर कैश की तंगी महसूस करने पर दोस्तों और परिवार या अवैध साहूकारों से पैसा उधार लेते हैं। फ्लेक्सपे ने लोकेशन, साक्षरता, आजीविका और कर्ज लेने का इतिहास रखने जैसी शर्तों को हटाते हुए डिजिटली क्रेडिट उपलब्ध कराने और उसका इस्तेमाल करने की सुविधा भी दी है। हमारा मानना है कि हमारा यूपीआई इंफ्रास्ट्रक्चर उन्हें ‘स्कैन नाउ, पे लेटर’ यानी अभी स्कैन करने और बाद में भुगतान करने की सुविधा देगा जो भविष्य में सभी तरह के क्रेडिट्स का बेस बनने वाला है।”


अनिल ने ऐप की सफलता पर बोलते हुए कहा, “हमें यह सेवा शुरू किए हुए अब लगभग दो महीने हो गए हैं। अपने मौजूदा ग्राहकों में से 30,को फ्लेक्ससेलरी के भीतर फ्लेक्सपे विकल्प को सक्षम किया है, जिन्होंने लगभग 3 करोड़ रुपए के लेनदेन का भुगतान करने के लिए पहले ही क्रेडिट का उपयोग किया है। अब तक की प्रतिक्रिया काफी हद तक सकारात्मक रही है क्योंकि ग्राहक अपने यूपीआई पेमेंट्स के लिए क्रेडिट का उपयोग कर सकते हैं और हम भारत में इस तरह का पहला समाधान उपलब्ध करा रहे हैं। अब हम इस उत्पाद को 100,000 ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं, जो अगले तीन वर्षों में 5 मिलियन से वंचित तबके वाले भारतीयों की क्रेडिट जरूरतों को पूरा करने के हमारे उद्देश्य का पहला चरण होगा।”


इस लॉन्च के साथ, विविफी विभिन्न फिनटेक के बीच मौजूदा ट्रेंड्स को चुनौती दे रहा है जो छोटे किराना स्टोर के जरिए क्रेडिट जोखिम को मैनेज करने के टूल्स पेश कर रहे हैं, लेकिन उनके ग्राहकों के नॉन-कोर फाइनेंशियल प्रोडक्ट बेचने का बोझ भी उन पर डालते हैं। अपनी जानकारी साझा करते हुए अनिल ने टिप्पणी की, “देशभर में 12 मिलियन से अधिक स्थानीय प्रोविजनल/ किराना स्टोर क्रेडिट कार्ड पेमेंट प्रोसेस नहीं करते, लेकिन ग्राहकों को बनाए रखने के लिए खुद ही क्रेडिट पर सामान देते हैं। इस लॉन्च के साथ इन माइक्रो-आंत्रप्रेन्योर को स्वयं के लिए क्रेडिट रिस्क का मैनेजमेंट करने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि उनके ग्राहकों के पास अब एक सार्थक क्रेडिट विकल्प तक पहुंच उपलब्ध हो गई है।”


इस प्रयास में विविफी ने पहले ही बढ़त हासिल कर ली है। फ्लेक्ससेलरी इसकी प्रारंभिक डिजिटल क्रेडिट पेशकश है जिसने तीन वर्षों में 200 करोड़ रुपए से ज्यादा डिस्बर्स किए हैं और वर्तमान में भारतभर से एक लाख से अधिक मासिक क्रेडिट ऐप्लिकेशंस के साथ 5 लाख से अधिक मासिक डिजिटल विजिटर प्राप्त कर रही है। विविफी का मानना है कि फ्लेक्सपे देश में एक सच्चा डिजिटल क्रेडिट कार्ड प्रदान करेगा जिसके पास अभी 56 मिलियन क्रेडिट कार्ड धारक हैं।


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