सुधीवैभवम्' ग्रन्थ का विमोचन
अपितु अपने कालजयि लब्धप्रतिष्ठ संस्था देववाणी - परिषद् , दिल्ली से ही इसे स्वयं प्रकाशित भी किया है ।इसमें देश के जाने माने तथा नवोदित विद्वानों के शोध पत्र को स्थान दिया गया है । प्रो वरखेड़ी ने आगे कहा कि कवि शुक्ल की ' भाति मे भारतम् ' एक वैश्विक अमर कृति है ।इसके कारण भी इस लोक में नहीं रहने के कारण भी सदा याद किये जाएंगे जिन्होंने संस्कृत की नयी पुरानी कवियों की एक नयी तथा उर्वर पीढि को सर्वदा सींचते रहे ।उनकी समीक्षा में सौन्दर्य चेतना भी अद्भुत थी ।आचार्य भारद्वाज ने अपने इस ग्रंथ के विमोचन को लेकर कृतज्ञता जताते आशा जताया कि यह ग्रंथ संस्कृत अनुरागियों को का आएगा ।
इस समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में देश के लब्धप्रतिष्ठ युवा तथा ओजस्वी विद्वान आचार्य चन्द्र भूषण झा , सेंट स्टीफेंस महाविद्यालय , दिल्ली विश्वविद्यालय भी उपस्थित रहे। आचार्य झा ने अभिनन्दन ग्रन्थ की विशेषताओं के विषय में बताते हुए पद्मश्री आचार्य रमाकान्त के साथ बिताये अपने लंबे समय के संबंधों का भी चर्चा की । इस समारोह में अनेक दिग्गज विद्वानों की भी उपस्थिति रही डा अभिनव शुक्ल , अध्यक्ष , देववाणी परिषद्, दिल्ली ने अतिथियों का स्वागत किया तथा डा ऋषिराज पाठक, महासचिव , देववाणी परिषद् ,दिल्ली ने कार्यक्रम का मंच संचालन किया । यह समूचा कार्य देववाणी - परिषद् की संरक्षिका रमा शुक्ला ने किया ।
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