क्रेडेबल के बिज़नेस सुपर ऐप अपस्केल से जुड़े 200,000$ व्यवसाय, नया जीएसटी सुपर सर्च टूल लॉन्च
भारत के एमएसएमई इकोसिस्टम में वर्किंग कैपिटल और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की बढ़ती मांग का लाभ लेते हुए बिजनेस सुपर ऐप ‘अपस्केल बाय क्रेडेबल’ ने नवंबर 2021 अपने लॉन्च से अब तक 200,000$ बिजनेस को जोड़ लिया है। बिजनेस सुपर ऐप के जोरदार प्रदर्शन की वजह बिल्कुल आसान और पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया से ऋण की सुलभता बढ़ाना, व्यापार सुविधा बढ़ाना, उपयोग में आसान ग्रोथ टूल का विकास करना और बिजनेस इंटेलिजेंस और एनालिटिक्स को शक्तिशाली बनाना है। अपस्केल बाय क्रेडेबल में ट्रेड, क्रेडिट और भुगतान को आपस में जोड़ने के यूनिक सॉल्यूशन के साथ व्यापार विस्तार आसान बनाने के साथ अपने ग्राहकों और उनके व्यवसायों को अधिक डिजिटल सक्षम बना रहा है।
क्रेडेबल के सह-संस्थापक और सीईओ नीरव चोकसी ने आज की नई डिजिटल दुनिया में एमएसएमई और एसएमई के ट्रेड, क्रेडिट और भुगतान की अधिकतर चुनौतियों को दूुर करने के बारे में कहा, “भारत में केवल 16 प्रतिशत एमएसएमई को फॉर्मल क्रेडिट उपलब्ध है इसलिए 350 अरब अमरीकी डालर की कमी है। उनके लिए वित्तीय स्थिति में सुधार करना और तेजी से विकास करना आवश्यक है। क्रेडेबल में हमारी पूरी कोशिश एमएसएमई की चुनौतियों और उनकी पूरी क्षमता के बीच का अंतर दूर करने की है। इंडिया इंक का भविष्य संवारने में हम सबसे आगे हैं। हम विभिन्न छोटे व्यवसायों को आसान और डिजिटल माध्यम से ऋण लेने की सुविधा, ग्रोथ टूल्स, कैशफ्लो मैनेजमेंट, भुगतान और व्यापार का इन्फ्रास्ट्रक्चर सुलभ कराते हुए सब के विकास का लक्ष्य रखते हैं।’’
इस प्रयास के तहत क्रेडेबल ने पिछले साल नवंबर में बिजनेस सुपर ऐप ‘अपस्केल’ लॉन्च किया। भुगतान या नकद प्रवाह प्रबंधन पर केंद्रित अन्य व्यावसायिक ऐप से भिन्न अपस्केल छोटे व्यवसायों को विकास का यूनिक सॉल्यूशन देने के लिए व्यापार, ऋण और भुगतान को आपस में जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करता है।
इसके अलावा अपस्केल की प्रॉपराइटरी तकनीक अब तक 700 लेंडरों से प्राप्त क्रेडिट रिपोर्ट, 5,000 करोड़ रुपयांे के बैंक स्टेटमेंट ट्रांजैक्शन और कुल 10,000 करोड़ रुपयों से अधिक के 10 लाख से अधिक इन्वॉयसों का विश्लेषण कर चुका है ताकि ऋण लेने-ऋण देने वालों-प्रोडक्ट का सही मिलान हो। इसका इंटरफेस उपयोग में आसान है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। किसी कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं है। अपस्केल ने 10 से अधिक अग्रणी बैंकों और एनबीएफसी से साझेदारी के तहत लाखों व्यवसायों को डिजिटल माध्यम से फॉर्मल क्रेडिट की सुविधा दी है।
अपस्केल ने अप्रैल में विभिन्न बिज़नेस के लिए संपूर्ण ग्रोथ टूल्स सुइट लांच किया जिसका मकसद विक्रेताओं का चुटकी में सत्यापन करना है जैसे उनके नंबरों का सत्यापन, पैन नंबर का सत्यापन, जीएसटी से पैन नंबर का सत्यापन और बैंक खातों का सत्यापन शामिल है। हाल में हुए विकास के तहत अपस्केल ने एक यूनिक जीएसटी वेरिफिकेशन सुपर टूल पेश किया है जो भारतीय एमएसएमई और एसएमई को विस्तार और आर्थिक प्रगति में उनके समावेश को बढ़ावा देता है। अपस्केल का जीएसटी सुपर सर्च टूल एक संपूर्ण टूल है जो विभिन्न व्यवसायों या ग्राहकों के जीएसटीआईएन नंबरों का सत्यापन करता है और यूजरों को कई यूनिक फीचर देता है जैसे कि जीएसटीआईएन कन्फर्मेशन, जीएसटी नंबर से जुड़े पैन नंबर का सत्यापन और जीएसटी रिटर्न फाइल करने का स्टैटस। इसकी मदद से ग्राहक बैंक खाता संख्या का भी सत्यापित कर सकते हैं। इस तरह वे जिस प्रतिष्ठान के साथ व्यवसाय करना चाहते हैं उसकी वर्तमान स्थिति और बैकग्राउंड की सटीक जानकारी मिल जाती है।
क्रेडेबल के सह-संस्थापक और सीईओ नीरव चोकसी ने आज की नई डिजिटल दुनिया में एमएसएमई और एसएमई के ट्रेड, क्रेडिट और भुगतान की अधिकतर चुनौतियों को दूुर करने के बारे में कहा, “भारत में केवल 16 प्रतिशत एमएसएमई को फॉर्मल क्रेडिट उपलब्ध है इसलिए 350 अरब अमरीकी डालर की कमी है। उनके लिए वित्तीय स्थिति में सुधार करना और तेजी से विकास करना आवश्यक है। क्रेडेबल में हमारी पूरी कोशिश एमएसएमई की चुनौतियों और उनकी पूरी क्षमता के बीच का अंतर दूर करने की है। इंडिया इंक का भविष्य संवारने में हम सबसे आगे हैं। हम विभिन्न छोटे व्यवसायों को आसान और डिजिटल माध्यम से ऋण लेने की सुविधा, ग्रोथ टूल्स, कैशफ्लो मैनेजमेंट, भुगतान और व्यापार का इन्फ्रास्ट्रक्चर सुलभ कराते हुए सब के विकास का लक्ष्य रखते हैं।’’
इस प्रयास के तहत क्रेडेबल ने पिछले साल नवंबर में बिजनेस सुपर ऐप ‘अपस्केल’ लॉन्च किया। भुगतान या नकद प्रवाह प्रबंधन पर केंद्रित अन्य व्यावसायिक ऐप से भिन्न अपस्केल छोटे व्यवसायों को विकास का यूनिक सॉल्यूशन देने के लिए व्यापार, ऋण और भुगतान को आपस में जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करता है।
इसके अलावा अपस्केल की प्रॉपराइटरी तकनीक अब तक 700 लेंडरों से प्राप्त क्रेडिट रिपोर्ट, 5,000 करोड़ रुपयांे के बैंक स्टेटमेंट ट्रांजैक्शन और कुल 10,000 करोड़ रुपयों से अधिक के 10 लाख से अधिक इन्वॉयसों का विश्लेषण कर चुका है ताकि ऋण लेने-ऋण देने वालों-प्रोडक्ट का सही मिलान हो। इसका इंटरफेस उपयोग में आसान है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। किसी कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं है। अपस्केल ने 10 से अधिक अग्रणी बैंकों और एनबीएफसी से साझेदारी के तहत लाखों व्यवसायों को डिजिटल माध्यम से फॉर्मल क्रेडिट की सुविधा दी है।
अपस्केल ने अप्रैल में विभिन्न बिज़नेस के लिए संपूर्ण ग्रोथ टूल्स सुइट लांच किया जिसका मकसद विक्रेताओं का चुटकी में सत्यापन करना है जैसे उनके नंबरों का सत्यापन, पैन नंबर का सत्यापन, जीएसटी से पैन नंबर का सत्यापन और बैंक खातों का सत्यापन शामिल है। हाल में हुए विकास के तहत अपस्केल ने एक यूनिक जीएसटी वेरिफिकेशन सुपर टूल पेश किया है जो भारतीय एमएसएमई और एसएमई को विस्तार और आर्थिक प्रगति में उनके समावेश को बढ़ावा देता है। अपस्केल का जीएसटी सुपर सर्च टूल एक संपूर्ण टूल है जो विभिन्न व्यवसायों या ग्राहकों के जीएसटीआईएन नंबरों का सत्यापन करता है और यूजरों को कई यूनिक फीचर देता है जैसे कि जीएसटीआईएन कन्फर्मेशन, जीएसटी नंबर से जुड़े पैन नंबर का सत्यापन और जीएसटी रिटर्न फाइल करने का स्टैटस। इसकी मदद से ग्राहक बैंक खाता संख्या का भी सत्यापित कर सकते हैं। इस तरह वे जिस प्रतिष्ठान के साथ व्यवसाय करना चाहते हैं उसकी वर्तमान स्थिति और बैकग्राउंड की सटीक जानकारी मिल जाती है।
अपस्केल की बड़ी उपलब्धि और बेजोड़ ऑफर पर श्री नितिन शर्मा, सीपीटीओ और एमडी (अपस्केल) क्रेडेबल का कहना है, “हम बहुत कम समय में 200,000 से अधिक व्यवसायों को सेवा देने में सक्षम हो गए हैं इसलिए बहुत प्रसन्न हैं। इसके लिए हम ने व्यापक स्तर पर व्यापार, ऋण और भुगतान की प्रक्रियाओं को आपस में जोड़ा है। साथ ही, यूजरों ने उनकी चुनौतियों के बारे में हमें जरूरी फीडबैक दिए हैं और यह भी बताया कि संभावित समाधान क्या हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप हम जीएसटी सुपर सर्च टूल जैसे यूनिक फीचर पेश करने में सफल हुए जो साझेदार व्यवसायों का चंद सेकंड में प्रमाणीकरण कर सकता है। यह केवल एक प्रश्न से जीएसटी सत्यापन, पैन नंबर सत्यापन और बैंक खाता सत्यापन कर सकता है इसलिए व्यवसाय संगठन सैकड़ों घंटे काम करने से बच जाते हैं। अपस्केल का सबसे यूनिक फीचर यह है कि भारत में ऐसा कोई ऐप नहीं है जो ये सेवाएं दे; ना ही ऐसे विवरण अन्य पोर्टलों पर आसानी से उपलब्ध हैं।
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