देश वासियों ने कड़ी मेहनत और परिश्रम से, इन 75 वर्षों में, अभूतपूर्व उपलब्धियां अर्जित की हैं- विभूति नारायण राय
० मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी ०
"जगमग भारत की शान है, ये आजादी का अमृत महोत्सव। जो अन्तर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच के अभिनव आयोजन से आलोकित है।" संस्था की सभी शाखाओं ने इस आयोजन में बढ़ - चढ़कर भाग लिया। प्रतिभागियों ने इस अवसर पर पूरे बारह घंटे तक अनवरत काव्य पाठ किया।जिसमें देशभक्ति पर आधारित गीत, गजल और कविताएं सुनाई।"कार्यक्रम का उद्घाटन, अपने उपन्यास 'तबादला - भूत एक प्रेम कथा', से चर्चित लेखक तथा पुलिस में उच्चाधिकारी एवं महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलाधिपति विभूति नारायण राय ने किया।
उन्होंने कहा कि,"देश वासियों ने कड़ी मेहनत और परिश्रम से, इन 75 वर्षों में, अभूतपूर्व उपलब्धियां अर्जित की हैं। जिन्हें हासिल करने में शायद कई सौ वर्ष लग जाते। अन्तर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच के इस आयोजन में यह उल्लास निश्चित ही देखने को मिलेगा।"कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अंग्रेजी की लेखिका तथा डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ऑफिसर सोलापुर महाराष्ट्र की सुश्री दिव्या वर्मा ने कहा कि, "आजादी के अमृत महोत्सव में खासकर महिलाओं की उपलब्धियों को रेखांकित करने की आवश्यकता है। ज़िन्दगी के सभी क्षेत्रों में उन्होंने अपनी योग्यता को साबित कर दिया। फर्श से अर्श तक पहुंचने वाली इन महिलाओं का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है।"प्रसिद्ध लेखिका प्रमिला वर्मा ने कार्यक्रम का समापन करते हुए कहा कि -"अंतर्रष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच के लगातार बारह घंटे चले इस आयोजन से मैं अचंभित हूं। जाति धर्म से परे पहले हमारा देश है। जाति में न जाकर हमें एक साथ पहले देश की प्रगति पर ध्यान देना होगा तभी महात्मा गांधी का सपना साकार होगा।"
इस कार्यक्रम को संचालित किया विभिन्न ईकाइयों की अध्यक्ष, रूपेंद्र राज तिवारी , नीता श्रीवास्तव, महिमा वर्मा, डॉ सुषमा सिंह, मृदुला मिश्रा और अर्चना पंड्या ने।अर्चना पंड्या ने ही राष्ट्र गीत वंदे मातरम गाकर इसका श्रीगणेश किया जिसका भव्य समापन डॉ वंदना रानी दयाल के राष्ट्रगीत प्रस्तुत करने के उपरांत हुआ। अंत में प्रसिद्ध लघुकथाकार मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, "सभी प्रतिभागियों ने गीत, गजल और कविताओं के माध्यम से शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।"
उन्होंने कहा कि,"देश वासियों ने कड़ी मेहनत और परिश्रम से, इन 75 वर्षों में, अभूतपूर्व उपलब्धियां अर्जित की हैं। जिन्हें हासिल करने में शायद कई सौ वर्ष लग जाते। अन्तर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच के इस आयोजन में यह उल्लास निश्चित ही देखने को मिलेगा।"कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अंग्रेजी की लेखिका तथा डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ऑफिसर सोलापुर महाराष्ट्र की सुश्री दिव्या वर्मा ने कहा कि, "आजादी के अमृत महोत्सव में खासकर महिलाओं की उपलब्धियों को रेखांकित करने की आवश्यकता है। ज़िन्दगी के सभी क्षेत्रों में उन्होंने अपनी योग्यता को साबित कर दिया। फर्श से अर्श तक पहुंचने वाली इन महिलाओं का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है।"प्रसिद्ध लेखिका प्रमिला वर्मा ने कार्यक्रम का समापन करते हुए कहा कि -"अंतर्रष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच के लगातार बारह घंटे चले इस आयोजन से मैं अचंभित हूं। जाति धर्म से परे पहले हमारा देश है। जाति में न जाकर हमें एक साथ पहले देश की प्रगति पर ध्यान देना होगा तभी महात्मा गांधी का सपना साकार होगा।"
इस कार्यक्रम को संचालित किया विभिन्न ईकाइयों की अध्यक्ष, रूपेंद्र राज तिवारी , नीता श्रीवास्तव, महिमा वर्मा, डॉ सुषमा सिंह, मृदुला मिश्रा और अर्चना पंड्या ने।अर्चना पंड्या ने ही राष्ट्र गीत वंदे मातरम गाकर इसका श्रीगणेश किया जिसका भव्य समापन डॉ वंदना रानी दयाल के राष्ट्रगीत प्रस्तुत करने के उपरांत हुआ। अंत में प्रसिद्ध लघुकथाकार मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, "सभी प्रतिभागियों ने गीत, गजल और कविताओं के माध्यम से शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।"
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