पश्चिमी दिल्ली डाबड़ी कर्बला में मुहर्रम के दर्जनों ताज़िया

० इरफान राही ०

नयी दिल्ली- पश्चिमी दिल्ली की कब्रिस्तान वेलफेयर एसोसिएशन,डाबड़ी द्वार कर्बला की जगह पर मोहर्रम के अवसर पर इमाम हसन हुसैन के शहीदी दिवस पर कोरोना महामारी के दो वर्ष पश्चात इस वर्ष हजारों अकीदत मंद श्रद्धालुओं ने शिरकत की और आस-पास के क्षेत्रों से दर्जनों ताजिए कर्बला पहुँचे जिन्हें
परम्परागत तरीके से कर्बला शरीफ़ में सुपुर्दे-ए-खाक किया गया। कब्रिस्तान वेलफेयर एसोसिएशन,डाबड़ी की ज़ानिब से आवाम की सहूलियत के अनुसार सभी पुख़्ता इन्तेज़ाम किए साथ ही प्रशासन ने भी अपना पूर्ण से अपना योगदान दिया।

एसोसिएशन द्वारा मंच सजाया गया जिसमें शासन, प्रशासन के आला अफसरों को हजरत इमाम हसन हुसैन (रजि अल्लाह तआला अन्हू) की शहादत दिवस पर अक़ीदत के साथ श्रद्धांजलि देने हेतु आमंत्रित किया गया। जिसमें दिल्ली की द्वारका डिस्ट्रिक्ट के डी०सी०पी० एम० हर्षवर्धन SHO डाबड़ी सतीश चंद्र , SHO, बिंदापुर, SHO सागरपुर, ACP ट्रेफिक, बिट ऑफिसर विजय इन्क्लेव सहित दिल्ली पुलिस द्वारा मोहर्रम और ताजियों के कार्यक्रम का इंतजाम देखने वाले कमांडेंट ऑफिसर असलम खान,
पश्चिमी दिल्ली के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा द्वारका विधानसभा के विधायक विनय मिश्रा जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि , निगम पार्षद सीतापुरी प्रवीण कुमार , जनकपुरी से पूर्व निगम पार्षद स्वर्गीय संजय पुरी की धर्मपत्नी आरती पूरी , कांग्रेसी नेता अमर तिवारी , नेता विपुल मिश्रा नागेन्द्र सिंह सहित मोहर्रम वेलफेयर सोसायटी पॉकेट 8 के अहमद हुसैन,मोहम्मद सलीम उस्ताद,हसन अखाड
RWA प्रधान रियाज अंसारी (पप्पू) पत्रकार इरफान राही मेंबर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग मुस्लिम एडवाइजरी कमेटी, इश्तियाक आरफी कि इस पूरे आयोजन में कब्रिस्तान वेलफेयर एसोसिएशन,डाबड़ी के सदर मोहम्मद इक़बाल मोहर्रम के इन्तज़ामियाँ के जिम्मेदार जफर खान एसोसिएशन के नायब सदर प्रधान अहमद अली अंसारी, जनरल सेक्रेटरी अजीजुर रहमान, सुल्तान अन्सारी,शौक़त अली मो० महफूज (पप्पू) सुल्तान कादिरी, सुहैल खान,आरिफ़ खान, रफ़ीक़,डॉ० इक़रार, हाजी रमजान अली,ज़ाहिर अन्सारी,अख्तर भाई एवं अन्य सभी सद्स्य। 
इस अवसर पर डाबड़ी कर्बला में सागरपुर,कमल पार्क, दुर्गा पार्क डीडीए पॉकेट नंबर 8 नसीरपुर, द्वारका,सीतापुरी महावीर एनक्लेव पार्ट-1,2,3, मधु विहार प्रताप गार्डन, भगवती विहार, बिन्दापुर इत्यादि इलाकों से दर्ज़नों ताजिए पारम्परिक तरीके से कर्बला शरीफ में बड़े ही अकीदत के साथ सुपुर्दे ख़ाक किये गए (दफ़नाए) गए।

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