भारतभूमि में बसे ,अनगिन संत औ पीर
० सुषमा भंडारी ०
अमृतमहोत्सव मना, हर घर है खुशहाल
देख तिरंगा झूमता, चमका माँ का भाल
भारतभूमि में बसे ,अनगिन संत औ पीर
वीर सपूतों की धरा , हर दिल की जागीर
मिट्टी को वंदन करें, मिट्टी है अनमोल
चंदन सम है ये तिलक, जाने ये भूगोल
नव रत्नों से है भरी , भारत भू की रेत
हरी हरी वसुन्धरा, सोने जैसे खेत
ये मिट्टी है बोस की , भगत सिंह की आन।
लहराये जब केसरी, कण कण में मुस्कान।।
देख तिरंगा झूमता, चमका माँ का भाल
भारतभूमि में बसे ,अनगिन संत औ पीर
वीर सपूतों की धरा , हर दिल की जागीर
मिट्टी को वंदन करें, मिट्टी है अनमोल
चंदन सम है ये तिलक, जाने ये भूगोल
नव रत्नों से है भरी , भारत भू की रेत
हरी हरी वसुन्धरा, सोने जैसे खेत
ये मिट्टी है बोस की , भगत सिंह की आन।
लहराये जब केसरी, कण कण में मुस्कान।।
टिप्पणियाँ