पद्मश्री डाॅ. शोवना नारायण ने दी कथक प्रस्तुति -
जयपुरः जवाहर कला केंद्र में शास्त्रीय गायन व कथक नृत्य से महफिल सजी। जेकेके व अग्रवाल एजुकेशनल कल्चर सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगीत रस वर्षा कार्यक्रम में शास्त्रीय गायक मो. अमान की सुरीली आवाज में विभिन्न रागों में लयबद्ध बंदिशें सुनने और कथक जगत की मश्हूर हस्ती पद्मश्री डाॅ. शोवना नारायण की नृत्य प्रस्तुति देखने का अवसर मिला। वहीं डाॅ. स्वाति अग्रवाल की शिष्याओं ने कथक प्रस्तुति के जरिए गुरु के सबक को मंच पर साकार किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि श्रीमती शिव कुमारी कल्ला व विशेष अतिथि प्रसिद्ध चित्रकार पद्मश्री तिलक गितई, कला प्रवर्तक सुधीर माथुर, प्रख्यात कलाकार जफर मोहम्मद ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। इसके बाद डाॅ. शोवना नारायण व गीतिका कलहा की किताब ‘कथक लोक - मंदिर, परंपरा और इतिहास’ पर चर्चा की गयी। हजारों किमी. की यात्रा कर तथ्य जुटाने के बाद तैयार उक्त किताब में कथक से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।
इसके बाद पटियाला और आगरा घराने का प्रतिनिधित्व करने वाले शास्त्रीय गायक मो. अमान ने समां बांधा। अमान ने राग बिहाग में विलंबित ख्याल की बंदिश, ‘कवन ढंग तोरा सजनी’ गाकर आगाज किया। मध्य लय में ‘देखो सखी कन्हैया रोके’ और फिर द्रुत तराना पेश कर उन्होंने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर मुजफ्फर रहमान, हारमोनियम पर राजेन्द्र बनर्जी, सारंगी पर जाकिर हुसैन ने संगत की।
पद्मश्री डाॅ. शोवना नारायण की कथक प्रस्तुति देख दर्शक विभोर हो गए। उन्होंने गत भाव पेश किया। सुधि दर्शक दिल थाम कर इस बेजोड़ प्रस्तुति को देखते रहे। डाॅ. शोवना के पैर जैसे ही थमे रंगायन सभागार तालियों से गूंज उठा। अंत में डाॅ. स्वाति की शिष्याओं ने कथक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि श्रीमती शिव कुमारी कल्ला व विशेष अतिथि प्रसिद्ध चित्रकार पद्मश्री तिलक गितई, कला प्रवर्तक सुधीर माथुर, प्रख्यात कलाकार जफर मोहम्मद ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। इसके बाद डाॅ. शोवना नारायण व गीतिका कलहा की किताब ‘कथक लोक - मंदिर, परंपरा और इतिहास’ पर चर्चा की गयी। हजारों किमी. की यात्रा कर तथ्य जुटाने के बाद तैयार उक्त किताब में कथक से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।
इसके बाद पटियाला और आगरा घराने का प्रतिनिधित्व करने वाले शास्त्रीय गायक मो. अमान ने समां बांधा। अमान ने राग बिहाग में विलंबित ख्याल की बंदिश, ‘कवन ढंग तोरा सजनी’ गाकर आगाज किया। मध्य लय में ‘देखो सखी कन्हैया रोके’ और फिर द्रुत तराना पेश कर उन्होंने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर मुजफ्फर रहमान, हारमोनियम पर राजेन्द्र बनर्जी, सारंगी पर जाकिर हुसैन ने संगत की।
पद्मश्री डाॅ. शोवना नारायण की कथक प्रस्तुति देख दर्शक विभोर हो गए। उन्होंने गत भाव पेश किया। सुधि दर्शक दिल थाम कर इस बेजोड़ प्रस्तुति को देखते रहे। डाॅ. शोवना के पैर जैसे ही थमे रंगायन सभागार तालियों से गूंज उठा। अंत में डाॅ. स्वाति की शिष्याओं ने कथक प्रस्तुति दी।
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