मेघा ब्लड डोनेशन ड्राइव रक्तदान में बना रिकार्ड : जनप्रतिनिधि,सेलिब्रिटी सहित पुलिस व ब्यूरोक्रेट्स ने किया रक्तदान

० आशा पटेल ० 
जयपुर। जब मानव कल्याण की बात आई तो हर उम्र और वर्ग के लोगों के साथ सेलिब्रिटी, जनप्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी, स्पोर्ट्स पर्संस आदि एक मंच पर आए और रक्तदान उत्सव मनाया। जयपुरवासियों के साथ देशवासी रक्तदान उत्सव मनाने लगे हैं, क्योंकि ऐसे उत्सवों से ही देश में रक्त की कमी को दूर किया जा सकता है। शनिवार का दिन इतिहास में दर्ज हो गया और जयपुर में 75 तो देश भर में हजारों कैंप एक साथ लगाकर लाखों यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया। भारत-सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय और अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की ओर से देश-विदेश में रक्तदान अमृत महोत्सव में मेगा ब्लड डोनशन ड्राइव, रक्तदान शिविरों का आयोजन हुआ। 

अभातेयुप द्वारा स्थापना के 58वें स्थापना दिवस पर संगठन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मेगा ब्लड डोनशन ड्राइव से आयोजित शिविरों में देश के सभी राज्य व केन्द्रशासित प्रदेशों में 6145 शिविरों से 200000 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इससे विश्व की सर्वाधिक रक्तदाता संस्था अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ने नया कीर्तिमान बनाया।

विदेशों में हुआ 51 शिविरों का आयोजन: जयपुर और देश के बाहर विदेशों में 51 शिविरों के आयोजन किया गया। ड्राइव के राष्ट्रीय संयोजक हितेश भांडिया ने कहा, कि अभातेयुप स्थापना दिवस के साथ प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी का 72वां जन्मदिन भी था। मानव सेवा के रूप में प्रधानमंत्री को जन्मदिवस उपहार के रूप में समर्पित महा-रक्तदान अभूतपूर्व रहा। कश्मीर से कन्याकुमारी व अटक से कटक तक भारत के सभी नगरों, महानगरों, कस्बों, ढाणियों, दुर्गम रेगिस्तान के साथ सुदूर दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों लेह लद्दाख, सरदार पटेल मेमोरी स्थल, उत्तराखण्ड के दुर्गम पहाड़ी इलाके, जैसलमेर बाड़मेर के रेगिस्तानी क्षेत्र में शिविर लगे। अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने कहा, कि युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के आध्यात्मिक सान्निध्य में कार्यरत परिषद के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनिश्री योगेश कुमारजी हैं।

 कार्यक्रम की सफलता पर एम.बी.डी.डी. के राष्ट्रीय संयोजक, सहसंयोजक की कुशल रणनीति और समर्पित कार्यकर्ता प्रोत्साहन के काबिल है। राष्ट्रीय महामंत्री पवन मांडोत ने कहा, कि चुनौतियों का सामना करते हुए असंभव को संभव बनाने का जोश, जज्बा और जुनून देखा गया। एम.बी.डी.डी. के राष्ट्रीय सह-संयोजक सौरभ पटावरी ने कहा, कि देश में दो-तीन वर्षों से महामारी कोविड-19 के भय से स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में आई कमी व साधारण जनमानस में चिकित्सालय, चिकित्सा-उपकरण व चिकित्सा-कर्मियों के सम्पर्क से बीमारी फैलने के डर को महा-अभियान से दूर करने के प्रयास में सफलता पाई है।

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