कम्युनिटी ऑफ ड्रीमर्स की ओर से 15-16अक्टूबर को हस्त कलाकारों के उत्पाद की प्रदर्शनी
जयपुर । यह प्रदर्शनी कोई व्यावसायिक परिकल्पना नहीं है, इसमें जुड़ा हर सदस्य एक दूसरे का सहयोग करता है । वोकल फ़ॉर लोकल की तर्ज़ पर कार्य करते हुए इनका उद्देश्य हमारी अपनी विलुप्त होती कलाओं को एक मंच प्रदान करना है , सरकार तो इन कलाकारों के लिए समय समय पर आयोजन करती है लेकिन कोई प्राइवेट संस्था पहली बार ये पहल कर इन सभी कला से जुड़े लोगों को मंच दे रहीं है , जिसकी कीमत उनसे नहीं ली जा रही।
कम्युनिटी ऑफ़ ड्रीमर्स की ओर से 15 और 16 अक्टूबर को दो दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन पिलवा गार्डन में किया जायेगा, जहाँ प्रोफेशनल डिजाइनर्स के साथ इन कलाकारों को विशेष रूप से स्टाल दिया जायेगा । सुधीर माथुर ने बताता कि प्रोफेशनल डिजाइनर से और बड़े व्यापारियों के साथ इन कलात्मक कलाकारों को मिलवाने और आगे काम दिलवाने का भी यह एक मंच है ।कल्पना सिंह पीलवा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब अपने काम को जूनून के साथ किया जाये तो अदभुत फल ही नजर आता है पुराना लगेगा नया की तर्ज पर पुराने डिजाइन को नए फेब्रिक पर लगवा कर नए डिजाइन करवाना इस शौक ने उन्हे एक्सपोर्ट हाउस का रास्ता दिखा दिया । सुधीर माथुर ने कहा की कोरोना का भयावह समय हम सब ने देखा और अब सब सामान्य होने की राह पर है लेकिन फिर भी समाज का एक हिस्सा अभी भी रोजगार और काम को ले कर चिंतित है ,
कम्युनिटी ऑफ़ ड्रीमर्स की ओर से 15 और 16 अक्टूबर को दो दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन पिलवा गार्डन में किया जायेगा, जहाँ प्रोफेशनल डिजाइनर्स के साथ इन कलाकारों को विशेष रूप से स्टाल दिया जायेगा । सुधीर माथुर ने बताता कि प्रोफेशनल डिजाइनर से और बड़े व्यापारियों के साथ इन कलात्मक कलाकारों को मिलवाने और आगे काम दिलवाने का भी यह एक मंच है ।कल्पना सिंह पीलवा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब अपने काम को जूनून के साथ किया जाये तो अदभुत फल ही नजर आता है पुराना लगेगा नया की तर्ज पर पुराने डिजाइन को नए फेब्रिक पर लगवा कर नए डिजाइन करवाना इस शौक ने उन्हे एक्सपोर्ट हाउस का रास्ता दिखा दिया । सुधीर माथुर ने कहा की कोरोना का भयावह समय हम सब ने देखा और अब सब सामान्य होने की राह पर है लेकिन फिर भी समाज का एक हिस्सा अभी भी रोजगार और काम को ले कर चिंतित है ,
कलाकार जो अलग अलग विधाओं में पारंगत है । लोक कलाकार जो गीतनृत्य से संबंधित है या वो कलाकार जिनके हाथों में हुनर है , हस्तकला के क्षेत्र में कार्य कर रहे है । संध्या ने बताया कि " वह स्वयं फ़ैशन डिज़ाइनर और स्टाइलिस्ट है . जो सस्टैंबल और ज़िम्मेदार फ़ैशन को बहुत बढ़ावा देती है , क्यूँकि फ़ैशन इंडस्ट्री दुनिया की दूसरी सबसे ज़्यादा प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्री बन गई है . उनका ब्रांड जयपुर पैस्लेय है उनकी ये कोशिश है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोकल और ऑर्गैनिक फ़ाब्रिक्स का इस्तेमाल करे ।हाथ की कढ़ाईं को बढ़ावा दे और हमारी नई पीढ़ी को हमारी कला और संस्कृति का परिचय दें ।कम्यूनिटी ओफ़ ड्रीमर्ज़ के माध्यम से ये डिज़ाइनर्ज़ और कलाकारों को ऐक प्लेटफार्म पर लाना चाहती है ।
लाख का सामान , चंदन की लकड़ी का सामान , कावड़ कला ,मीनाकारी , टेराकोटा पॉटरी, थेवा आर्ट , आमेर की छाप ,कार्बन फुट प्रिंट , सोया वैक्स से बनी केंडल ,जेम्स स्टोन पर नक्काशी ,छपाई आदि के बहुत से कलात्मक सामान उचित मूल्य पर यहाँ पर उपलब्ध होंगे । इस समूह का उद्देश्य कला के विभिन्न क्षेत्रों से जैसे संगीत , नृत्य की विधाएँ , ड्राइंग पेंटिंग की विधा , माटी के दिए बनाने से ले कर मोमबत्ती बनाने की कला और हस्त निर्मित विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करना व बनाने वालों को एक मंच देना है ।
मोहन फाउंडेशन की भावना जगवानी ने बताया कि इस बार प्रदर्शनी के दौरान ऑर्गन डोनेशन और उमंग दो संस्थाओं को भी जोड़ा गया है । जिससे समाज में कार्य विशेष करने वाली संस्थाओं के प्रति जागरूकता हो सके ।
लाख का सामान , चंदन की लकड़ी का सामान , कावड़ कला ,मीनाकारी , टेराकोटा पॉटरी, थेवा आर्ट , आमेर की छाप ,कार्बन फुट प्रिंट , सोया वैक्स से बनी केंडल ,जेम्स स्टोन पर नक्काशी ,छपाई आदि के बहुत से कलात्मक सामान उचित मूल्य पर यहाँ पर उपलब्ध होंगे । इस समूह का उद्देश्य कला के विभिन्न क्षेत्रों से जैसे संगीत , नृत्य की विधाएँ , ड्राइंग पेंटिंग की विधा , माटी के दिए बनाने से ले कर मोमबत्ती बनाने की कला और हस्त निर्मित विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करना व बनाने वालों को एक मंच देना है ।
मोहन फाउंडेशन की भावना जगवानी ने बताया कि इस बार प्रदर्शनी के दौरान ऑर्गन डोनेशन और उमंग दो संस्थाओं को भी जोड़ा गया है । जिससे समाज में कार्य विशेष करने वाली संस्थाओं के प्रति जागरूकता हो सके ।
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