विरासत आर्ट्स एंड हेरिटेज फेस्टिवल’ द्वारा दून वैली में होगा सांस्कृतिक महोत्सव
नयी दिल्ली/: रूरल आंत्रप्रेन्योरशिप फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (रीच) द्वारा आयोजित विरासत आर्ट्स एंड हेरिटेज फेस्टिवल के 26वें संस्करण की शुरूआत 9 अक्टूबर को होगी। इस फेस्टिवल का समापन ‘सिटी ऑफ लव’- देहरादून के बीआर आम्बेडकर स्टेडियम में 23 अक्टूबर को होगा। यह फेस्टिवल ‘एफ्रो-एशिया की सबसे बड़ी धरोहर एवं लोकजीवन उत्सव’ के नाम से लोकप्रिय है। इसका उद्घाटन शाम 6.00 बजे होगा जिसके बाद आगंतुकों को उत्तराखण्ड की पारंपरिक नृत्य एवं संगीत प्रस्तुतियां देखने का मौका मिलेगा। अपनी 26वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित विरासत फेस्टिवल में कई बेहतरीन कलाकारों की जबर्दस्त परफॉर्मेंस देखने को मिलेगी। इन कलाकारों में वडालीस, अश्विनी भिड़े, सुरेश वाडकर, प्रहलाद सिंह तिपानिया, ओस्मान मीर, कुमरेश, आदि जैसे सांस्कृतिक जगत के विभिन्न क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले दिग्गज शामिल हैं।
15 दिनों तक चलने वाला यह फेस्टिवल लोगों के लिए एक ऐसा मंच है जहां वे शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य के जाने-माने उस्तादों द्वारा कला, संस्कृति और संगीत का बेहद करीब से अनुभव कर सकते हैं। इस फेस्टिवल में परफॉर्म करने के लिये नामचीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इस फेस्टिवल में एक क्राफ्ट्स विलेज, क्विज़ीन स्टॉल्स, एक आर्ट फेयर, फोक म्यूजिक, बॉलीवुड-स्टाइल परफॉर्मेंसेस, हेरिटेज वॉक्स, आदि होंगे। यह फेस्टिवल देश भर के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और उसके महत्व के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने का मौका देता है। फेस्टिवल का हर पहलू, जैसे कि आर्ट एक्जिबिशन, म्यूजिकल्स, फूड और हेरिटेज वॉक भारतीय धरोहर से जुड़े किसी पारंपरिक मूल्य को दर्शाता है।
रूरल आंत्रप्रेन्योरशिप फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (रीच) एक 1995 में स्थापित एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो मुख्य रूप से स्वास्थ्य और कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में काम करती है। इसका प्राइमरी ऑफिस देहरादून, उत्तराखण्ड में है। रीच की स्थापना शहरी परिदृश्यों में चल रही आधुनिकता की लहर को रोकने के मिशन से हुई थी। रीच ने देहरादून में विरासत फेस्टिवल से अपना सफर शुरू किया था और फिर भारत की कला, संस्कृति और धरोहर से जुड़े सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिये कई परियोजनाओं पर काम किया है।
15 दिनों तक चलने वाला यह फेस्टिवल लोगों के लिए एक ऐसा मंच है जहां वे शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य के जाने-माने उस्तादों द्वारा कला, संस्कृति और संगीत का बेहद करीब से अनुभव कर सकते हैं। इस फेस्टिवल में परफॉर्म करने के लिये नामचीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इस फेस्टिवल में एक क्राफ्ट्स विलेज, क्विज़ीन स्टॉल्स, एक आर्ट फेयर, फोक म्यूजिक, बॉलीवुड-स्टाइल परफॉर्मेंसेस, हेरिटेज वॉक्स, आदि होंगे। यह फेस्टिवल देश भर के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और उसके महत्व के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने का मौका देता है। फेस्टिवल का हर पहलू, जैसे कि आर्ट एक्जिबिशन, म्यूजिकल्स, फूड और हेरिटेज वॉक भारतीय धरोहर से जुड़े किसी पारंपरिक मूल्य को दर्शाता है।
इस उद्घाटन पर रीच के संस्थापक एवं महासचिव आरके सिंह ने कहा, “कोविड-19 के कारण हमारे आस-पास की दुनिया काफी बदल गई है, लेकिन देश-दुनिया की सर्वश्रेष्ठ लोक परंपराओं, संस्कृति और कला को दिखाने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करने का हमारा उत्साह बहुत अधिक बढ़ा है। हम हर साल विरासत में सबसे बेहतरीन पारंपरिक कलाकारी और सांस्कृतिक निधियों को प्रस्तुत करने और उसे बढ़ावा देने के लिये काम करते हैं, जोकि देश के कई क्षेत्रों की शोभा बढ़ाता है। हमारा मानना है कि विरासत 2022 पिछले वर्षों की तरह ही सफल होगा, क्योंकि यह आपको लुभाने और संगीत तथा संस्कृति के एक और यादगार रोमांचक सफर पर ले जाने का वादा करता है।”
रूरल आंत्रप्रेन्योरशिप फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (रीच) एक 1995 में स्थापित एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो मुख्य रूप से स्वास्थ्य और कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में काम करती है। इसका प्राइमरी ऑफिस देहरादून, उत्तराखण्ड में है। रीच की स्थापना शहरी परिदृश्यों में चल रही आधुनिकता की लहर को रोकने के मिशन से हुई थी। रीच ने देहरादून में विरासत फेस्टिवल से अपना सफर शुरू किया था और फिर भारत की कला, संस्कृति और धरोहर से जुड़े सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिये कई परियोजनाओं पर काम किया है।
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